मेरठ। हस्तिनापुर में पुलिस की मनमानी सामने आई है। यहां एक मई की घटना पर पुलिस ने पांच दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं पुलिस की मनमानी के चलते पीड़ित थाने के चक्कर काट रहा है।
लोकसभा चुनाव के तहत लगाई गई आदर्श आचार संहिता के चलते पुलिस अपनी मनमानी कर रही है। हस्तिनापुर पुलिस का ऐसा ही एक कारनामा सोमवार को सामने आया जब घटना के पांच दिन बाद मामला दर्ज न होने पर पीड़ित परिवार ने सीओ सौरभ सिंह से मिलकर कार्रवाई की मांग की।
मामला थाना क्षेत्र के भीमकुंड गांव का है,जहां पर गेहूं की थ्रेसिंग को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। इसमें मालीपुर निवासी अंकुश पुत्र श्रीचंद गंभीर रूप से घायल हुआ जिसे मेरठ के लिए रेफर किया गया। उसके बाद भी पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया, जबकि पीड़ित पक्ष लगातार आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करता रहा।
मालीपुर निवासी पीड़ित युवक सतेन्द्र पुत्र श्रीचन्द ने बताया कि एक मई को उसका भाई अंकुश गेहूं की थ्रेशर मशीन को भीमकुंड निवासी एक किसान के खेत में लेकर पहुंचा। गांव के ही पास में उसका खेत था, जहां पर उसने अपनी मशीन से किसान के गेहूं की थ्रेसिंग की काम समाप्त होने के बाद उक्त किसान ने उन्हें थ्रेसिंग की मजदूरी का गेहूं देने से मना कर दिया।
उनके साथ करीब आधा दर्जन किसान लाठी डंडों और हथियार से लैस होकर गाली-गलौज करने लगे। जब उसने इस बात का विरोध किया तो जान से मारने की नियत से लांठी डंडो व धारदार हथियार से सिर व पूरे शरीर पर कई बार हमला किया जिसमें अंकुश गंभीर रूप से घायल हो गया।