अनन्नास के वृक्ष प्राय: सड़कों के किनारे-किनारे पाए जाते हैं। अनानास का फल इसके बीच के हिस्से में लगता है। अनानास का ऊपरी भाग कांटेदार व कठोर होता है। अनानास का रस पेट के रोगों में लाभकारी है।
अजीर्ण
अनानास की फांकें काट कर काली मिर्च और सेंधा नमक छिड़क कर आंच पर भूनकर खाने से अजीर्ण में लाभ होता है।
सूजन
अनानास का पूरा फल प्रतिदिन खाने से 15-20 दिन में शरीर की सूजन पूर्ण रूप से उतर जाती है।
पेट में बाल जाना
अनानास की फांक काटकर खाने से पेट में गया हुआ बाल गल जाता है।
पेशाब अधिक आना
अनानास के रस में जीरा, पीपल, काला नमक तथा जायफल का समभाग चूर्ण मिलाकर सुबह शाम पीने से पेशाब के अधिक आने की शिकायत दूर होती है।
पथरी व बेचैनी
नित्य अनानास का रस पीने से गर्मी के कारण बेचैनी दूर होती है तथा पथरी की शिकायत दूर होती है।
बवासीर
अनानास के गूदे को महीन पीसकर मस्सों पर बांधने से बवासीर में लाभ होता है।
नेत्रों की सूजन
अनानास के गूदे को महीन पीसकर आंखों पर बांधने से सूजन दूर होती है।
पेट के कीड़े
छुहारा, अजवायन तथा विडंग 12-12 ग्राम प्रत्येक का चूर्ण बना लें। 6 ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर अनानास के रस के साथ सुबह-शाम पिलाने से 3 दिन में बच्चों के पेट के सभी कीड़े खत्म हो जाएंगे।
गुणकारी शर्बत
अनानास का रस एक किलो, गुलाब का अर्क 100 ग्राम मिलाकर तीन किलो शक्कर में पकाएं। पक जाने पर शर्बत की तरह प्रयोग में लें। यह पेशाब रोग को खत्म करता है तथा हृदय एवं मस्तिष्क को ताजगी देता है।
– प्रमोद कुमार