नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले के सभी छह आरोपितों के पॉलीग्राफ टेस्ट की दिल्ली पुलिस की मांग पर मंगलवार को सुनवाई टाल दी है। आज की सुनवाई विधिक सहायता प्राधिकार की ओर से वकील उपलब्ध नहीं होने की वजह से टाली गई है। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
आज सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। आज इस मामले की आरोपित नीलम ने आज अपनी जमानत याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जमानत याचिका पर भी सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
इससे पहले 28 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि सभी आरोपितों से यह पूछा जाए कि क्या वह पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं। कोर्ट को यह बताया गया था कि आरोपितों की ओर से विधिक सहायता प्राधिकार की ओर से उपलब्ध कराए गए वकील अभी दिल्ली में उपलब्ध नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि विधिक सहायता प्राधिकार की ओर से उपलब्ध कराए गए वकील से आरोपितों की बात करना जरूरी है और फिलहाल वह उपलब्ध नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसकी वजह से हमारी जांच में देरी होगी। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली विधिक सहायता प्राधिकार के किसी दूसरे को बुला लिया जाए। इस मामले में सागर शर्मा, नीलम आजाद, महेश कुमावत, ललित झा, डी. मनोरंजन और अमोल शिंदे 5 जनवरी तक की पुलिस हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस ने इन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16ए के तहत आरोप लगाए हैं।
दरअसल, 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो युवक चैंबर में कूदे। कुछ ही देर में एक युवक ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया। संसद के बाहर भी नारेबाजी करते हुए दो लोग पकड़े गए, जो पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।