देश के केरल राज्य में फैल रहे निपाह वायरस की जानकारी मीडिया के माध्यम से आ रही है। केरल राज्य के कोझिकोट के एक निजी अस्पताल में इस वायरस से दो लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है। आखिर यह निपाह वायरस है क्या? यह जानना बेहद जरूरी है।
यह वायरस जानवरों के माध्यम से इंसानों में फैलता है। जिसे मेडिकल की भाषा में जूनोटिक डिजीज भी कहा जाता है। यह चमगादड़ों और सुअर के माध्यम से इंसानों में फैल सकता है। निपाह वायरस की शुरूआत केरल से हो चुकी है। जानकारी के लिए ध्यान रहे कि कोरोना का सबसे पहला केस भी केरल में ही आया था। राज्य सरकार व केन्द्र सरकार इस वायरस की पड़ताल में लगी हुई है, जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह कोरोना जितना घातक वायरस है या नहीं।
वर्ष 2004 में सबसे पहले इस वायरस के बारे में बांग्लादेश के लोगों को पता चला था। यहां कुछ लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले कुछ फल को चखा था। निपाह का नाम मलेशिया के एक गांव के नाम पर रखा गया है। जहां 1998-99 के दौरान निपाह गांव में ही पहला केस सामने आया था। भारत में सबसे पहले इस वायरस की 2018 में पुष्टि हुई थी। इस रोग से संक्रमित व्यक्ति में शुरू में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और गले में दर्द होता है। इसके बाद चक्कर आना काफी ज्यादा नींद आना या एन्सेफलाइटिस का संकेत देते हैं। इस बीमारी में कुछ लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। गंभीर मामलों में एन्सेफलाइटिस और दौरे पड़ते हैं, जो 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में चले जाते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केरल में संक्रमित कर रहे इस जानलेवा वायरस को लेकर राज्य सरकार व केंद्र सरकार भी जागरूक हो गई है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम केरल पहुंची है। देश व राज्य की सरकार इस वायरस को लेकर किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। केरल में इस निपाह वायरस से दो लोगों की मौत के बाद लोगों को डर सता रहा है कि कहीं निपाह भी तो कोरोना की तरह पूरे देश में नहीं फैल जाएगा?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के मुताबिक, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे में किए गए परीक्षणों में 24 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी में निगेटिव संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही, जिले में निपाह के 5 मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है जिनमें से अन्य दो पहले मृत व्यक्ति भी शामिल हैं। दो मृत व्यक्तियों में 9 वर्षीय बेटे और 25 साल का उसी का बहनोई है। अधिकारी 11 और नमूनों के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के पास जो आंकड़े आए हैं, उनसे यह पता लगा है कि प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या 789 हो गई है। तिरुवनंतपुरम में सीएम पिनाराई विजयन की द्वारा बुलाई गई एक उच्चस्तरीय बैठक में कोझीकोड जिला कलेक्टर को सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को रोकने के लिए कहा गया है। जिले में 24 सितंबर तक सभी सार्वजनिक समारोह स्थगित कर दिए जाएंगे और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने उन दो निपाह पीडि़तों के रूट मैप प्रकाशित किए हैं, जिनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को ट्रैक करने में मदद मिल सके। जिला कलेक्टर ए. गीता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 13 लोग भर्ती हैं, जिनमें से चार गहन देखभाल में हैं। अस्पताल में 75 अलगाव कक्ष स्थापित किए गए हैं। अस्पतालों में अलगाव सुविधाओं को बढ़ाने के भी इंतजाम किए गए हैं। बुधवार को कंटेनमेंट जोन की संख्या 43 से बढ़ाकर 58 कर दी गई है।
कंटेनमेंट जोन में आने वाले स्कूलों के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के एक्टिव होने का कारण है लगातार मामलों का बढऩा और हाल में हुई दो मौतें। सरकार को यह पता है कि अभी कुछ महीनों पहले ही कोरोना को वैश्विक महामारी से हटाकर वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाईजेशन ने बडी राहत दी है।
2 2 और 2 21 में देश की कोरोना ने क्या हालत कर दी थी यह किसी से छुपा नहीं है। लोग अब भी उस नाजुक वक्त को याद कर सहम जाते हैं। कोविड ने भारत की अर्थव्यवस्था को भी चोट पहुंचाई थी। ऐसे में एक और वायरस का देश में हावी होना अच्छी बात नहीं है। इसलिए केंद्र सरकार ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की एक टीम वहां भेजी है। वह वहां के हालात और वायरस के संक्रमण के बारे में पता लगाएगी। केरल में 9 साल का एक बच्चा निपाह से संक्रमित है और सरकार ने बच्चे का इलाज करने के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की मांग की है।
हालांकि, इसका कोई क्लीनिकल प्रूफ नहीं है कि यह निपाह के खिलाफ काम करता है या नहीं लेकिन अभी यह एकमात्र उपलब्ध उपचार है। बच्चा वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। लगभग 7 लोग मरीजों के संपर्क में आए हैं और उनमें से 76 हाई रिस्क हैं। लेकिन सभी मरिज स्थिर है।
सरकार ने कई जगहों के लिए अलर्ट किया जारी किया है। निपाह से बचने के लिए एक्सपर्ट की सलाह चमगादड़ और सूअर के संपर्क से बचने, जमीन पर गिरे हुए फल या सब्जियां न खाने, नियमित मास्क लगाकर रखने, बार-बार पर हाथ थोते रहने एवं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने के लिए कहा गया है। कोरोना के दंश झेल चुके देश के लोगों ने दो साल बाद लोगों ने इस जानलेवा बीमारी से राहत पायी है। जीवन पहली की तरह पटरी पर सामान्य हो चुका है। लेकिन इस बीच केरल से निपाह वायरस की दस्तक ने फिर लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है लेकिन सरकारो की सजगता एवं जागरूकता प्रशंसनीय है।
-डा. वीरेन्द्र भाटी मंगल