✍️ संजय कुमार हिन्ना
क्या आज हम ऊँची-ऊँची इमारतों, विशाल पुलों और बड़ी फैक्ट्रियों की कल्पना बिना सीमेंट के कर सकते हैं? शायद नहीं! आधुनिक युग में सीमेंट एक महत्वपूर्ण निर्माण सामग्री बन चुका है, जिसके बिना विश्व का विकास संभव नहीं है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सीमेंट कैसे बनता है? आइए, हम आपको इसकी प्रक्रिया के बारे में बताते हैं।
सीमेंट का इतिहास
सीमेंट का उपयोग लगभग 250 ईसा पूर्व रोम में किया गया था। रोमन लोग ज्वालामुखीय राख, चूना और बालू को मिलाकर भवन निर्माण करते थे। यह मिश्रण उन्हें “पोत्स्वाली” नामक स्थान से मिलता था, इसलिए इसे “पोत्स्वालाना” कहा जाता था। 18वीं शताब्दी के अंत तक इस मिश्रण का प्रयोग जारी रहा।
सन् 1824 में इंग्लैंड के जोसेफ आस्पडिन नामक एक राजमिस्त्री ने आधुनिक सीमेंट का आविष्कार किया। इससे पहले, जॉन स्टीमन ने चूना पत्थर और मिट्टी को मिलाकर सीमेंट तैयार किया था, जो “पोत्स्वालाना” सीमेंट से अधिक मजबूत था। जोसेफ आस्पडिन ने इसमें पोर्टलैंड पत्थर मिलाकर इसे और बेहतर बना दिया। इसी कारण इसे पोर्टलैंड सीमेंट कहा जाता है, जो आज भवन निर्माण में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है।
पोर्टलैंड सीमेंट कैसे बनता है?
सीमेंट निर्माण की प्रक्रिया में मुख्यतः चूना पत्थर (लाइमस्टोन) और मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इसकी निर्माण प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है—
1️⃣ कच्चे माल की तैयारी:
- चूना पत्थर और मिट्टी को एक निश्चित अनुपात में लेकर मशीनों द्वारा बारीक पीस लिया जाता है।
- इस मिश्रण को रोटरी किल्न (घूर्णी भट्ठी) में भेजा जाता है।