लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव शिवपाल यादव के करीबी अंकुश को हिरासत में लिये जाने और बाद में छोड़े जाने के दौरान पुलिस को उसके पास से अवैध हथियार नहीं मिले हैं। अंकुश के वाहन की चेकिंग में अवैध हथियार मिलने और उस पर आगे कार्रवाई किये जाने की अफवाह फैलने के बाद गौतमपल्ली थाना पुलिस का बयान सामने आया है।
पूरा प्रकरण गुरुवार और शुक्रवार के बीच रात्रि का है। गौतमपल्ली थाने की पुलिस रेलवे फाटक के निकट रुटिन चेकिंग में थी, तभी उधर से गुजर रहे शिवपाल यादव के करीबी अंकुश के वाहन की चेकिंग की गयी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों से अंकुश उलझ गये। पुलिसकर्मियों को अपशब्द कहे तो मामला बढ़ा और देर रात अंकुश को वाहन समेत थाने लाकर पूछताछ शुरु की गयी।
शिवपाल यादव को इस बात की सूचना मिली तो वह अपने समर्थकों के साथ करीब एक बजे रात्रि में गौतमपल्ली थाने पहुंच गए और अंकुश को छुड़ाने के लिए अड़ गये। थोड़ी देर बाद अंकुश को छोड़ दिया गया। वहीं शिवपाल यादव भी थाने से अपने आवास चले गये।
गौतमपल्ली थाने के निरीक्षक रिकेश कुमार सिंह ने पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने पर अंकुश को थाने लाया गया। पहले तो अंकुश के वाहन को रोकने के लिए कहे जाने पर वह अपने वाहन को लेकर भागे। इसके बाद पुलिसकर्मियों से उलझे। यही कारण था कि उन्हें थाने लाया गया। बाद में अंकुश के शिवपाल यादव के पीएस होने की सूचना मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा कि गौतमपल्ली थाने की पुलिस द्वारा अंकुश के वाहन से अवैध हथियार मिलने की खबरें सोशल मीडिया या समाचार ग्रुप में चलायी जा रही हैं, जो बिल्कुल सही नहीं है। अवैध हथियार की बरामदगी नहीं है।