Monday, November 4, 2024

मोदी-योगी के आगे अटल-आडवाणी को भूली भाजपा, स्थापना दिवस पर पूरी तरह रहे गायब, कुछ बोलने से भी प्रवक्ताओं ने किया किनारा !

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से प्रदेशभर में बूथस्तर पर मनाया गया लेकिन पूरा कार्यक्रम मोदी-योगी के इर्द गिर्द ही सिमटकर रह गया। स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश कार्यालय पर झण्डा फहराकर किया। इसके बाद सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण सुना और योगी-मोदी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि मोदी-योगी राज में उत्तर प्रदेश भाजपा अटल-आडवाणी को ही भूल गयी।

सामान्य दिनों के कार्यक्रमों में लगने वाली बैनर होर्डिंग से तो अटल-आडवाणी गायब ही रहते हैं। स्थापना दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर भाजपा के प्रदेश कार्यालय के समारोह स्थल पर लगी होर्डिंग से अटल-आडवाणी पूरी तरह नदारद थे। उस होर्डिंग में एक तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ नरेन्द्र मोदी की फोटी लगी थी। दूसरी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक की फोटो छपी थी। होर्डिंग में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की फोटो जरूर थी लेकिन अटल-आडवाणी की फोटो नहीं थी।

1980 में हुआ था भाजपा का गठन
जनसंघ के कार्यकर्ताओं के समक्ष जब दोहरी सदस्यता का प्रश्न उठाया गया और कहा गया कि जनसंघ के लोग जनता पार्टी छोड़ें या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपना रिश्ता खत्म करें। इस मुद्दे पर जनसंघ के नेताओं ने जनता पार्टी छोड़कर 06 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का गठन किया।

भाजपा के गठन के बाद 1984 में भाजपा को मात्र दो लोकसभा सीटें प्राप्त हुईं। धीरे-धीरे पार्टी का जनाधार बढ़ा और आज केन्द्र के साथ उत्तर प्रदेश समेत कई प्रान्तों में भी भाजपा की सरकार है।

भाजपा को मजबूत करने में अटल-आडवाणी की रही महत्वपूर्ण भूमिका
भाजपा की स्थापना से लेकर उसे राष्ट्रीय पार्टी बनाने में अटल बिहारी बाजपेयी के बाद लाल कृष्ण आडवाणी की सबसे बड़ी भूमिका रही है। भाजपा आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है तो इसका श्रेय अटल आडवाणी को ही जाता है। भाजपा की स्थापना काल से राष्ट्रीय परिदृश्य पर नरेन्द्र मोदी के आने से पहले तक अटल आडवाणी ही पार्टी का मुख्य चेहरा रहे हैं। भले ही आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर भाजपा को वोट मिल रहा हो लेकिन अटल-आडवाणी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।

अटल आडवाणी के मुद्दे पर बोलने से भाजपा के प्रवक्ताओं ने किया किनारा
हालांकि भाजपा के नेता व प्रवक्ता स्थापना दिवस के अवसर पर होर्डिंग में अटल आडवाणी की उपेक्षा पर कुछ भी बोलने से इंकार किया। राजनीतिक विश्लेषक शिवेश प्रताप ने कहा कि जिन अटल बिहारी बाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी की बदौलत भाजपा बढ़ी आज वही बैनर पोस्टर से नदारद हैं। भाजपा में अटल, आडवाणी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने स्थापना दिवस पर कहा कि पार्टी कार्यकर्ता श्रद्धेय पण्डित दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों का पालन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लक्ष्य अन्त्योदय, प्रण अन्त्योदय एवं पथ अन्त्योदय के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करते हैं। भाजपा अकेला ऐसा राजनीतिक दल है, जो हर तीन साल पर स्थानीय समिति से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के नियमित चुनाव कराता है। यही वजह है कि चाय बेचने वाला युवक देश का प्रधानमंत्री बना है और इसी तरह सभी प्रतिभावान लोगों का पार्टी के अलग-अलग स्तरों से बढ़ाने का काम पार्टी करती है।

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