गाजीपुर- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अफजाल अंसारी के गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद क्षेत्र स्थित एक विद्यालय मे अवैध निर्माण को रविवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर ध्वस्त कर दिया गया। इसके अलावा शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में बाहुबली मुख्तार अंसारी के सहयोगी रहे स्वर्गीय कमलेश सिंह ‘प्रधान’ के करोड़ों रूपये के अवैध निर्माण को भी रविवार सुबह ध्वस्त कर दिया गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यूसुफपुर बाजार स्थित डॉक्टर एम ए अंसारी इंटर कॉलेज के मुख्य भाग से सटे अवैध निर्माण को आज जमींदोज कर दिया गया। इस पूरी कार्रवाई में पुलिस के जवान मौके पर मौजूद रहे। मुख़्तार के भाई और पूर्व सांसद अफजाल अंसारी कॉलेज के प्रबंधक हैं।
तहसीलदार मुहम्मदाबाद ने बताया कि एमए इंटर कालेज युसुफपुर के मैनेजमेंट के लोगों ने चार बिस्वा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बाउंड्रीवाल करा लिया था जिसका मुकदमा न्यायालय में चला।
न्यायालय ने तत्काल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने का निर्देश दिया। नोटिस देने के बावजूद विद्यालय के मैनेजमेंट के लोगों ने अवैध निर्माण नही हटाया, इसलिए आज यह अवैध निर्माण गिराया गया है।
इस मौके पर एडीएम, एसपी ग्रामीण, एसडीएम हर्षिता तिवारी, क्षेत्राधिकारी मोहम्मदाबाद समेत काफी संख्या में पुलिस एवं पीएसी के जवान मौजूद रहे।
इसके अलावा गाजीपुर जिले के शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में भी बाहुबली मुख्तार अंसारी के सहयोगी रहे स्वर्गीय कमलेश सिंह ‘प्रधान’ के करोड़ों रूपये के अवैध निर्माण को रविवार सुबह ध्वस्त कर दिया गया।
एसडीएम सदर ने बताया कि मकान के अवैध निर्माण को लेकर काफी लंबे समय से मुकदमा चल रहा था। चार मई 2022 को अदालत के फैसले के बाद उन्हे मकान के निर्माण को गिराने का कई बार नोटिस दिया गया। आज उसी के क्रम में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है।
सूत्रों के अनुसार कमलेश सिंह माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के सूचीबद्ध सदस्य थे। योगी सरकार द्वारा माफियाओं को मिट्टी में मिलाने के फैसले के बाद इस तरह की कार्रवाई हुई है। ध्वस्तीकरण के कार्यवाही का आभास शनिवार की शाम हो गया था।आज सुबह छह बजे से ही करीब आधा दर्जन बुलडोलर मकान को ध्वस्त करने में लग गये। एसडीएम सदर और सीओ सिटी, शहर कोतवाल समेत सैकड़ों पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे।
गौरतलब हो कि उक्त भवन में पिछले 20 वर्षों से वाणिज्य कर/ राज्य कर का कार्यालय भी संचालित हो रहा था। जिसे ध्वस्तीकरण की सूचना के बाद संबंधित अधिकारियों के देखरेख में सारे सामान निकालकर आरटीआई कालेज के छात्रावास में सुरक्षित रखा गया।