नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में अपना पहला भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की सरकारों का बचाव करते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की कांग्रेस की मंशा जाहिर की।
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प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वह बार-बार इतिहास में उलझकर जवाहरलाल नेहरू और पिछली सरकारों को दोषी ठहराने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा, “वर्तमान की बातें कीजिए। देश को बताइए आपकी जिम्मेदारी क्या है? या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?”
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प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत संसद की सुरक्षा में शहीद हुए जवानों और अफसरों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि भारत में वाद-संवाद और चर्चा की परंपरा हजारों साल पुरानी है, जो वेदों और उपनिषदों में भी दिखाई देती है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को भारत की लोकतांत्रिक संस्कृति का प्रतीक बताया और कहा कि संविधान इसी आंदोलन का परिणाम है।
प्रियंका गांधी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की कांग्रेस की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने इसे लोकतंत्र की पारदर्शिता और जनता के विश्वास के लिए आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि साहस और स्वतंत्रता की आवाज है। इस पर चलना सरकार की जिम्मेदारी है, जो आज पूरी होती नहीं दिख रही।
प्रियंका गांधी के इस पहले भाषण ने न केवल उनकी विचारधारा को स्पष्ट किया, बल्कि संसद में उनकी उपस्थिति को प्रभावशाली ढंग से दर्ज किया।