कानपुर। कानपुर देहात में मां-बेटी के जिंदा जला दिए जाने की घटना के मामले में पीड़ित परिजन आज धरने पर बैठ गए। आरोप है कि इसके बाद प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता देने की बात कही गई थी। लेकिन घटना के 2 महीने पूरे होने के बाद भी परिवार के हाथ अभी तक खाली हैं। उनसे किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।
जानकारी के मुताबिक मैथा तहसील के गांव मड़ौली में 13 फरवरी को एक मां-बेटी की अतिक्रमण हटाने के दौरान जिंदा जलकर मौत हो गई थी। घटना के बाद गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया था। इसके बाद प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता देने की बात कही गई थी। लेकिन घटना के 2 महीने पूरे होने के बाद भी परिवार के हाथ अभी तक खाली हैं। उनसे किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।
इस बात को लेकर परिवार वालों में नाराजगी है। शुक्रवार को वे लोग कलेक्ट्रेट भवन के बाहर धरने पर बैठ गए। पीड़ित शिवम का कहना है, ”मेरी मां-बहन को जिंदा जलाया गया। अभी तक मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। अगर जल्द ही मुझसे किए गए वादे पूरे नहीं हुए, तो हम लोग अनशन पर बैठ जाएंगे।” शिवम के साथ पिता कृष्ण गोपाल और छोटा भाई भी धरने पर बैठे हैं।
इस मामले में पीड़ित शिवम का कहना है, ”घटना के बाद हम लोगों को 1 करोड़ रुपए आर्थिक मदद देने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक यह राशि नहीं मिली है। इसके अलावा मैंने अपने और छोटे भाई के लिए योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने की बात कही थी, लेकिन वह भी नहीं दी गई।
उसने बताया, ”हम लोगों ने एक सरकारी आवास देने की बात कही थी, लेकिन वो भी अभी तक नहीं मिला। पिता को अभी तक पेंशन भी नहीं दी गई। न ही मुझे और मेरे भाई को खेती के लिए 5-5 बीघा जमीन दी गई। पीड़ित हम लोग गरीब हैं। इसीलिए हमसे वादा करने के बाद भी उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है।”
शिवम ने कहा कि घटना के 2 महीने बीत जाने के बाद भी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अब ना ही कमिश्नर फोन उठाते हैं और ना ही कोई अधिकारी फोन उठाता है। कोई ढंग से हम लोगों से बात तक नहीं करता है।
उधर, इस मामले में कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने कहा कि कानपुर देहात प्रशासन और पुलिस के अधिकारी लगातार परिवार के संपर्क में हैं। SIT की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। देहात डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि परिवार की जो भी मांगें हैं उनको तत्काल पूरा किया जाए।
वहीं, इस मामले में एसपी कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि पूरे मामले की जांच SIT कर रही है। पीड़ित परिवार से अपर पुलिस अधीक्षक और CO अकबरपुर ने मुलाकात कर बातचीत की है। परिवार ने 8 सूत्री मांगों का एक पत्र दिया है। जिसे शासन को भेजा गया है।
बता दें, कानपुर देहात की मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत की गई थी। 13 फरवरी को एसडीएम (अब सस्पेंड) ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस और राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे।
इस दौरान JCB से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया गया था। इससे कृष्ण गोपाल दीक्षित के छप्पर में आग लग गई। इससे वहां मौजूद प्रमिला (44) और उनकी बेटी नेहा (18) की आग में जलकर मौके पर ही मौत हो गई थी।
इस हादसे में कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे। मामले में पुलिस ने एसडीएम, लेखपाल और थाना प्रभारी सहित 39 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया था। वहीं पुलिस ने JCB चालक और लेखपाल अशोक सिंह को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं पूरे मामले की जांच SIT कर रही है।