लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को समन भेजने के मामले में राज्य शासन ने संबंधित एसडीएम और उनके पेशकार को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बदायूं के जिलाधिकारी मनोज कुमार के मुताबिक इस मामले में बड़ी चूक मानते हुए एसडीएम विनीत कुमार को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। संबंधित फाइल पेश करने वाले एसडीएम के पेशकार बदन सिंह को भी निलंबित किया गया है।
बदायूं के एसडीएम विनीत कुमार ने भूमि विवाद के एक मामले में राज्यपाल को समन जारी किया था। इस समन को लेकर राजभवन ने कड़ी नाराजगी जताई थी। मामला राज्यपाल से जुड़ा होने के चलते शासन ने कड़ा संज्ञान लिया और प्रकरण में शासन ने बदायूं के जिलाधिकारी से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब की थी जिसमे एसडीएम विनीत कुमार ने पेशकार की लापरवाही बताई गई थी, लेकिन राज्य शासन ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद एसडीएम और पेशकार दोनों को निलंबित कर दिया।
राज्यपाल के विशेष सचिव के मुताबिक बदायूं के जिलाधिकारी को पत्र भेज कर जानकारी दी गई थी कि राज्यपाल को समन भेजना संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है और भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न होने पाए।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले में स्थित ग्राम बहेड़ी में करीब ढाई बीघा भूमि का विवाद था। इस मामले में एक पक्ष ने एसडीएम विनीत कुमार की कोर्ट में वाद दायर किया था। वादी चंद्रहास का आरोप था कि उसके चाची की जमीन को रिश्तेदारों ने धोखाधड़ी से अपने नाम करा लिया। बाद में उस जमीन को लेखराज नाम के व्यक्ति को बेच दी। लेखराज पर आरोप था कि उसमें से एक वीघा जमीन सड़क निर्माण में चली गई थी, जिसका मुआवजा करीब 15 लाख लेखराज ने लिया है। इस मामले में लेखराज, लोक निर्माण विभाग और राज्यपाल को पक्षकार बनाया गया था। इसी मामले में एसडीएम ने राज्यपाल को समन जारी किया था। समन 10 अक्टूबर को राजभवन पहुंचा था, जिसके बाद हड़कंप मच गया था ।
जब समन 10 अक्तूबर को राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने इस मामले में 16 अक्तूबर को डीएम को पत्र भेजा। कहा गया कि यह समन संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है और भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न होने पाए। यह मामला जब मीडिया की सुर्खियों में आया तो शासन ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की। प्रमुख सचिव ने इस मामले की डीएम से रिपोर्ट तलब की। इधर, एसडीएम विनीत कुमार का कहना था कि वह उस दिन अवकाश पर थे। उन्होंने पेशकार की गलती बताते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा था।
वही डीएम ने बताया कि मामला गंभीर था, जिसके बाद शासन स्तर से एसडीएम न्यायिक को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद उन्होंनें पेशकार बदन सिंह को भी निलंबित कर दिया है।