नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आयकर विधेयक 2025 की गहन समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय प्रवर समिति (सेलेक्ट कमिटी) का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व सांसद बैजयंत पांडा करेंगे। यह समिति विधेयक के विभिन्न प्रावधानों, उनके प्रभाव और संभावित सुधारों का अध्ययन कर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
मुज़फ्फरनगर में PNB-SBI के बैंक मैनेजरो पर भड़के सीडीओ, लोन देने में विलंब पर जताई नाराजगी
इस 31 सदस्यीय समिति में विभिन्न दलों के सांसदों को शामिल किया गया है, जिनमें भाजपा, कांग्रेस,सपा , तृणमूल कांग्रेस (TMC), एनसीपी, डीएमके सहित अन्य दलों के प्रतिनिधि हैं। इनमें मुख्यतः बैजयंत पांडा (अध्यक्ष), डॉ. निशिकांत दुबे, जगदीश शेट्टार, पीपी चौधरी, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, महुआ मोइत्रा, सुप्रिया सुले, भर्तृहरि महताब, नवीन जिंदल, अनुराग शर्मा, एनके प्रेमचंद्रन और रवींद्र दत्तराम वायकर शामिल हैं।
मुज़फ्फरनगर में स्वामी यशवीर ने खोला 600 साल पुराना मदिर, 2 युवकों ने डाल दिए उस पर ताले !
इसके अलावा समिति में सुधीर गुप्ता, अनिल बलूनी, राजू बिस्ता, एटाला राजेंदर, विष्णु दयाल राम, मुकेश कुमार चन्द्रकान्त दलाल, शशांक मणि, बेनी बेहनन, विजयकुमार (विजय वसंत), डॉ अमर सिंह, गोवाल कागडा पदवी, मोहम्मद रकीबुल हुसैन, लालजी वर्मा, अधिवक्ता प्रिया सरोज, डॉ कलानिधि वीरस्वामी, दग्गुमल्ला प्रसाद राव, कौशलेन्द्र कुमार, अरविन्द गणपत सावंत और रिचर्ड वानलालहमंगइहा को शामिल किया गया है।
नोएडा में किशोरी समेत 6 लोगों ने की आत्महत्या, बिजली के करंट एक की मौत
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में आयकर विधेयक 2025 को संसद में पेश किया था और इसे गहन समीक्षा के लिए लोकसभा अध्यक्ष से चयन समिति को भेजने का अनुरोध किया था। समिति को अगले संसदीय सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
इस विधेयक का उद्देश्य वर्तमान आयकर कानून को अधिक सरल, प्रभावी और करदाताओं के लिए अनुकूल बनाना है। सरकार ने बताया कि नया विधेयक मौजूदा कानून से लगभग 50% छोटा होगा और इसमें प्रावधानों को अधिक स्पष्ट व संक्षिप्त बनाया जाएगा, जिससे मुकदमेबाजी में कमी आएगी। साथ ही इससे अनुपालन लागत कम होगा और यह कर संबंधी अपराधों के लिए दंड प्रावधानों में संशोधन करेगा।
मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर थाने में भाकियू का धरना समाप्त, 17 तक पैसा वापस लौटाएगा किआ शोरूम
ऐसे में नई गठित समिति इस विधेयक पर विस्तृत विचार-विमर्श कर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर सरकार आवश्यक संशोधन कर सकती है। कैबिनेट की अंतिम स्वीकृति के बाद संशोधित विधेयक संसद में पारित करने के लिए पेश किया जाएगा।