नई दिल्ली। भारत ने गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को आमंत्रित किया है। यह भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों का संकेत है। यह चौथा अवसर होगा जब कोई इंडोनेशियाई राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में राजकीय मेहमान होंगे।
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समाचार एजेंसियों के मुताबिक, राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की भारत यात्रा के बाद प्रस्तावित पाकिस्तान यात्रा अब नहीं होगी। भारत ने इस पर अपनी कूटनीतिक आपत्ति जताई थी कि विदेशी नेता भारत से सीधे पाकिस्तान न जाएं। ऐसा माना जा रहा है कि इंडोनेशियाई सरकार ने इस सुझाव को मान लिया है। अब राष्ट्रपति प्रबोवो भारत दौरे के बाद मलेशिया जाएंगे।
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भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक संबंध बेहद पुराने और गहरे हैं। हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की द्विपक्षीय बैठक हुई थी, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
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भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली को लेकर भी वार्ता हो रही है। इंडोनेशिया की सरकार पहले ब्रह्मोस की कीमत को लेकर चिंतित थी, लेकिन अब वह बातचीत के लिए तैयार है। भारत ने इंडोनेशिया को कीमत में रियायत देने और आसान कर्ज व्यवस्था का आश्वासन दिया है। यह समझौता चीन के पड़ोसी देश इंडोनेशिया को भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत हासिल कराने में मदद करेगा।
भारत ने हाल के वर्षों में यह सुनिश्चित किया है कि विदेशी नेता, विशेषकर राजकीय मेहमान, भारत से सीधे पाकिस्तान का दौरा न करें। पूर्व में अमेरिका और खाड़ी देशों के प्रशासक एक ही दौरे में भारत और पाकिस्तान जाते थे, लेकिन अब भारत इस पर आपत्ति करता है।