नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर चल रही बहस के दूसरे दिन शनिवार (14 दिसंबर 2024) को समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा चौधरी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार संविधान को कमजोर करने और अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने का काम कर रही है।
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सांसद इकरा चौधरी ने सदन में कहा,”आज भारत में हर वर्ग को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों, को उनके मजहबी पहचान के कारण निशाना बनाया जा रहा है। हेट स्पीच, मॉब लिंचिंग और बुलडोजर से घर गिराने की घटनाएं आम हो गई हैं।”
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उन्होंने उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि पुलिस के संरक्षण में निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है। उन्होंने संभल की घटना का उदाहरण दिया, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर पुलिस की मौजूदगी में अत्याचार हुआ।
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सांसद चौधरी ने मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट के 11 सूत्रीय निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकारें इन निर्देशों का पालन करने में नाकाम रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग न केवल इन घटनाओं को रोकने में असफल रहे हैं, बल्कि उनकी बयानबाजी नफरत को और बढ़ावा देती है।“मॉब लिंचिंग को रोकने के बजाय सरकार आग में घी डालने का काम कर रही है। सत्ता के लोग ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जो समाज में नफरत फैलाती है।”
इकरा चौधरी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की सरकार की पहली जिम्मेदारी है कि वह अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह दुखद है। अल्पसंख्यकों की जान-माल की सुरक्षा हर सरकार का कर्तव्य है, चाहे वह भारत हो या बांग्लादेश।”
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 का हवाला देते हुए कहा कि ये अनुच्छेद अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की गारंटी देते हैं। लेकिन आज, वक्फ संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों पर हमले हो रहे हैं, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। “वक्फ संपत्तियों से जुड़े बिल लाकर अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने की कोशिश हो रही है।”
सांसद ने ग्रामीण विकास में हो रही देरी पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि देश का संविधान हमें विकास का रास्ता दिखाता है, लेकिन सरकार की नीतियों की वजह से देश के ग्रामीण इलाकों को भारी नुकसान हो रहा है।
इकरा चौधरी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अल्पसंख्यकों के अधिकारों और संविधान की मूल भावना को खतरा पहुंचाने की कोशिशें जारी रहीं, तो इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। उन्होंने संविधान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया।