नई दिल्ली। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल को लेकर विपक्षी सांसदों की प्रतिक्रिया भी आने लगी है। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने कहा, “केंद्र सरकार रोजाना नए नए कानून ला रही है कहां तक जवाब दें।“ लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी के संबोधन पर सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने कहा, “हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस मुद्दे को उठाया है, और हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को संबोधित करेंगे।
यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि भारत में कार्य संविधान के अनुसार होंगे, शासन संविधान के अनुरूप होगा, और सभी संविधान के सिद्धांतों का पालन करेंगे। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पर कहा, “अभी इस मामले पर कोई जवाब नहीं दूंगा। जब इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा, जवाब तब दिया जाएगा।“ लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी के संबोधन पर उन्होंने कहा, “अब हम भी संविधान के बारे में बोलेंगे क्योंकि संविधान हमारे सर आंखों पर है।
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” सपा के लोकसभा सांसद वीरेंद्र सिंह ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर कहा, “यह केवल शिगूफा है। सरकार को पहले विपक्ष को बताना चाहिए देश के संविधान के तहत प्रदेशों को जो अधिकार दिए गए हैं, उनका क्या होगा? सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट किए बिना विधेयक को सदन से पास कराने का प्रयास करेगी, तो यह संभव नहीं है।” उल्लेखनीय है कि वन नेशन वन इलेक्शन की मांग लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी की गई थी।
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हालांकि, हाल में हुए हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्ष ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि केंद्र वन नेशन वन इलेक्शन की बात करती है लेकिन, जब सरकार एक साथ इन राज्यों में चुनाव नहीं करा सकती है तो पूरे देश में चुनाव कैसे संभव है।