Wednesday, January 22, 2025

इकरा कैराना से लोकसभा जाने वाली तीसरी महिला, गायत्री देवी और इकरा की मां तब्बसुम भी रहीं सांसद

सहारनपुर। कैराना संगीत घराने के लिए मशहूर यह संसदीय क्षेत्र ग्रामीण अंचल के साथ-साथ रूढ़िवादी सोच के लिए जाना जाता है। लेकिन महिलाओं को सम्मान और प्रतिनिधित्व देने के मामले में आधुनिक इलाकों से भी ज्यादा प्रगतिशील है।

1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह ने अपनी पत्नी गायत्री चौधरी को चुनाव लड़ाया और वह सफल हो गईं। 1984 में मायावती चुनाव लड़ी लेकिन बुरी तरह पराजित हुईं। इकरा हसन की मां तब्बसुम हसन यहां से चुनाव लड़ी और जीतीं। उनके पति मुनव्वर हसन भी सांसद रहे। इकरा हसन के बाबा अख्तर हसन 1984 में कांग्रेस के टिकट पर संसद में पहुंचे थे। इकरा हसन संसद में पहुंचने वाली इस घराने की तीसरी पीढ़ी है।

पांच विधानसभा क्षेत्रों कैराना, शामली, थानाभवन, नकुड़, गंगोह में फैले इस संसदीय क्षेत्र से इस बार 27 वर्षीय इकरा हसन ने भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी को 69122 मतों के अंतर से पराजित किया। इकरा हसन को 523692 मत मिले। प्रदीप चौधरी को 454570 मत मिले।

राजपूतों की नाराजगी और जाटों, गुर्जरों और दलितों में सेंधमारी ने इकरा हसन का काम आसान किया। भाजपा में जबरदस्त गुटबाजी भी व्याप्त थी। प्रदीप चौधरी की पूरे संसदीय क्षेत्र में  कम मिलनसारिता की शिकायत चौतरफा सुनने को मिली। उनकी पराजय शुरू में ही तय हो गई थी। जितना समर्थन इकरा हसन के साथ उससे उनके लाखों वोटों से जीतने का अनुमान समर्थकों को था। लेकिन प्रदीप चौधरी की सज्जनता और सादगी ने लोगों के गुस्से और नाराजगी को काफी हद तक ठंडा रख रखा था।

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