मेरठ। इस्लामी शिक्षा मुसलमानों को धार्मिक और सांसारिक दोनों पहलुओं को शामिल करते हुए, जन्म से लेकर कब्र तक ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। कुरान दूसरों को ज्ञान प्रदान करने वाले के रूप में वर्णित करता है।
यह बातें मदरसा इस्लामिया में कार्यक्रम आयोजन के दौरान काजी रियाजुद्दीन ने दी। इस दौरान प्रार्थनाएं की गई और जिसमें सभी ने हाथ उठाकर कहा अल्लाह मुझे चीजों की अंतिम प्रकृति का ज्ञान प्रदान करें। यह निस्संदेह आधुनिक शैक्षिक लोकाचार के साथ संरेखित है जो आजीवन सीखने पर जोर देता है।
काजी ने कहा कि इस्लामी शिक्षाएं ज्ञान की सार्वभौमिकता पर जोर देती हैं। मुसलमानों को विविध स्रोतों और विभिन्न क्षेत्रों से ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह आधुनिक शिक्षा की अंतविषय और वैश्विक प्रकृति के अनुरूप है। जहां ज्ञान एक विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें विषयों और दृष्टिकोणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण दुनिया बनाने के लिए ज्ञान पर कुरान का दृष्टिकोण कई आयतों में स्पष्ट है। जो सीखने और ज्ञान प्राप्त करने के महत्व पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि कुरान की शिक्षाओं को और पुष्ट करती हैं। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।