भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में स्पीकर की कुर्सी के पीछे लगी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर के स्थान पर संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाए जाने के मामले ने सियासी रंग ले लिया है।
कांग्रेस इस पर सवाल उठा रही है, वहीं भाजपा के नेताओं ने कहा है कि आखिर ऐसा करने में बुराई क्या है।
राज्य विधानसभा में स्पीकर की कुर्सी के पीछे एक तरफ जहां महात्मा गांधी तो दूसरी ओर प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू की तस्वीर लगी हुई थी। मगर अब नेहरू की जगह अंबेडकर की तस्वीर लग गई है। इस मामले पर कांग्रेस ने एतराज जताया है। साथ ही नेहरू की तस्वीर लगाए जाने की मांग की है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने कहा है कि नेहरू की तस्वीर हटाना द्वेषपूर्ण भावना है। देश के पहले प्रधानमंत्री को बार-बार अपमानित किया जा रहा है। यह बीजेपी की आदत बन चुकी है। इतिहास से नाम हटाने के प्रयास किया जा रहे है। अंबेडकर और नेहरू जी की लड़ाई बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं जो तस्वीर 50 साल से विधानसभा में गरिमा पूर्ण तरीके से लगी हुई थी, उसे हटाकर डॉ अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई है। इससे जाहिर होता है कि भाजपा विवाद चाहती है।
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा को साफ करना चाहिए कि आखिर तस्वीर हटाने का मकसद उसका क्या है।
वहीं भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा, गोविंद राजपूत और कृष्णा गौर ने डॉ अंबेडकर की तस्वीर लगाए जाने का स्वागत किया और कहा कि कांग्रेस बताए कि उसे आखिर तस्वीर लगाए जाने पर आपत्ति क्यों हैं।
बताया गया है कि यह तस्वीर वर्ष 1997-98 से पुराने विधानसभा भवन मिंटो हाॅल से लाकर इस विधानसभा के नए भवन में लगाई गई थी। मगर पिछले दिनों इसमें बदलाव की बात कही जा रही है।
वर्तमान के प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों, इसका वे पता करेंगे कि आखिर ऐसा हुआ क्यों। उन्होंने ऐसा कोई आदेश दिया ही नहीं है।