मेरठ। 100 करोड़ रुपए के फर्जी ई-वे बिल के जरिए जीएसटी चोरी मामले में गिरफ्तार कमर अहमद काजमी को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसको जेल भेज दिया गया। काजमी फर्जी सेल कंपनी के फर्जी ई-वे बिल बनाकर टैक्स चोरी के मामले का मास्टर माइंड है। इसी के साथ काजमी प्रयागराज के कुख्यात माफिया सरगना अतीक अहमद का भी नजदीकी बताया जा रहा है। काजमी अभी हाल में दुबई से लौटा था। उसके छह साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। अतीक अहमद के दूर के रिश्तेदार काजमी पर एसटीएफ बड़े गैंगस्टरों से उसके कनेक्शन तलाश रही है।
एसटीएफ एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि कमर अहमद काजमी और उसके साथियों ने पैन कार्ड और दूसरे फर्जी दस्तावेज के आधार पर जीएसटी नंबर लिए थे। इसके बाद फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड कराई। इन कंपनियों ने कागजों में कारोबार दिखाया।
बताया गया कि एसटीएफ को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि संगठित गिरोह फर्जी सेल कंपनी बनाकर उनके फर्जी ई-वे बिल तैयार कर टैक्स चोरी कर रहा है। जिन्हें पकड़ने के लिए टीमें लगाई गई थीं। निरीक्षक आदित्य कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने बृहस्पतिवार शाम काशी टोल पर मर्सिडीज सवार पैरागोन एल्युमिनियम के मालिक वेस्ट एंड रोड निवासी कमर अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ में काजमी ने बताया कि उसकी फर्म साहिबाबाद में है। इसमें दलजीत सिंह पुत्र सरदार सत्यपाल सिंह निवासी न्यू राजेंद्र नगर दिल्ली और ऋषि आनंद पुत्र आरके आनंद निवासी कीर्ति नगर दिल्ली पार्टनर हैं। पिछले कुछ वर्षों में ये लोग 100 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी कर चुके थे।
एसटीएफ की ओर से कमर अहमद काजमी के अलावा उसके पार्टनर दलजीत सिंह, ऋषि आनंद, संजय जैन निवासी पीतमपुरा दिल्ली, रजत गर्ग निवासी सुंदर विहार दिल्ली, गौरव कुमार व अमित कुमार निवासी जगाधरी यमुनानगर हरियाणा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।