प्रयागराज। संगम की रेती प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ को लेकर यूपी सरकार ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक तरफ जहां महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए कुंभ क्षेत्र का विस्तार किया गया है, वहीं दूसरी ओर 25,000 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 10 हजार बेड का “गंगा पंडाल ” बनाने का प्रस्ताव है। इसमें संतों-भक्तों के ठहरने की सुविधा होगी।
कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत के मुताबिक, महाकुंभ के लिए टेंटेज के प्रस्ताव पर भी सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसके अंतर्गत 25,000 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 10 हजार बेड का “गंगा पंडाल ” बनाने का प्रस्ताव है। इसमें संतों-भक्तों के ठहरने की सुविधा होगी। श्रद्धालुओं के कुंभ क्षेत्र में ठहरने से लेकर अन्य सुविधाओं को नए स्वरूप में विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज में 2019 में आयोजित किए गए कुंभ में देश-विदेश से आए 19 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संख्या के बाद 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने का प्रशासन का अनुमान है।
कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद के मुताबिक, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार कुंभ क्षेत्र के बसावट में बदलाव किया गया है। उनके मुताबिक योगी सरकार ने फैसला किया है कि इस बार कुंभ में बसने वाले मेले का विस्तार 4000 हेक्टेयर से अधिक तक किया जाएगा। पिछले कुंभ में मेला क्षेत्र को 3200 हेक्टेयर में बसाया गया था।
कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद बताते हैं कि इस बार संगम की रेती पर संगम, अरैल से लेकर फाफामऊ के बीच 25 सेक्टर में महाकुंभ बसाया जाएगा। अलग- अलग सेक्टर का क्षेत्रफल भी विस्तारित किया जाएगा। कुंभ मेला क्षेत्र के एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर जाने के लिए गंगा नदी में बनाए जाने वाले पॉन्टून पुल की संख्या में भी इस बार बढ़ोतरी होगी। महाकुंभ के लेआउट प्लान के अनुसार इस बार आठ अतिरिक्त पांटून पुल बनाए जाएंगे।
पिछली बार 22 पांटून पुल बने थे, जबकि इस बार 30 पांटून पुलों का निर्माण होगा।
महाकुंभ को स्वच्छता के मॉडल के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी चल रही है। कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद बताते हैं कि इसके लिए 1.45 लाख शौचालय बनाए जाएंगे। साथ ही कुंभ क्षेत्र में 10 हजार सफाई कर्मी भी लगाए जाएंगे। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 25 हजार डस्टबिन, 800 सफाई गैंग और आईसीटी बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम भी प्रस्तावित किया गया है। इसे मेला प्राधिकरण की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है।