नई दिल्ली। दिल्ली में 5000 शिक्षकों के ट्रांसफर के आदेश पर एलजी ने रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षकों को बधाई देते हुए ‘षड्यंत्र’ नाकाम होने पर खुशी जताई है। अपने एक्स हैंडल पर आतिशी ने बीजेपी को इसका जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, “दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बधाई! 2 जुलाई को 5000 से ज़्यादा शिक्षकों के ट्रांसफ़र के ऑर्डर को वापस ले लिया गया है।
भाजपा ने दिल्ली की शिक्षा क्रांति को रोकने के लिए एलजी साहब के माध्यम से हज़ारों शिक्षकों के ट्रांसफ़र करवा दिए थे। परंतु दिल्ली वालों के संघर्ष के कारण, यह षड्यंत्र फेल हो गया। केजरीवाल सरकार दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहें इसके लिए हमें कितनी भी लड़ाई लड़नी पड़े।“ उपराज्यपाल ने यह सुझाव दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद दिया। इस दल में राजधानी के कई सांसद भी शामिल थे।
राजभवन ने सिलसिलेवार ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। कहा, “उप राज्यपाल को विभिन्न सरकारी स्कूल शिक्षक संघों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए थे और आज राज निवास में उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।” इसमें कहा गया है, ” एलजी वी.के. सक्सेना, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर सेवा शर्तों के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं ने मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशालय को शिक्षकों से संबंधित हाल के स्थानांतरण आदेशों पर सहानुभूतिपूर्ण, समग्र और निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है।” इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया है कि अंतरिम अवधि के लिए आदेशों को स्थगित रखा जाए। पिछले महीने दिल्ली शिक्षा विभाग की ओर पांच हजार शिक्षकों के ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया था।
इस आदेश के तहत उन शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाना था जो एक ही स्कूल में पिछले 10 साल से काम कर रहे थे। निदेशालय को तबादलों को आगे न बढ़ाने के लिखित निर्देश जारी करने वाली आतिशी ने गुरुवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार से तत्काल तबादलों को रोकने को कहा था। उनका आरोप था कि इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा, “यह आदेश पूरी तरह से गलत और शिक्षा विरोधी है।