Saturday, November 23, 2024

ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड में सभी 12 आरोपितों को उम्र कैद की सजा

जौनपुर।समाजवादी पार्टी सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव के करीबी व कई राजनीतिक हस्तियों के पुरोहित रहे रमेश तिवारी की सरपतहां के ऊंचगांव में बदमाशों द्वारा 12 वर्ष पहले सुबह उनके घर पर उनसे आशीर्वाद लेने के बहाने पुलिस की वर्दी में पहुंचे बदमाशों द्वारा गोली मारकर की गई हत्या मामले में दोनों पक्षों की तरफ से बहस पूरी होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रूपाली सक्सेना ने मंगलवार को सभी 12 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है।

विदित हो कि 15 नवम्बर 2012 को सुबह 9:15 बजे सरपतहां थाना क्षेत्र के ऊंचगांव में ज्योतिषी रमेश तिवारी की उनके घर पर चढ़कर पुलिस वर्दी में आए दो बदमाशों ने कार्बाइन व पिस्टल से गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी । गोलीकांड में रमेश के भाई राजेश भी घायल हुए थे। मृतक के भाई उमेश तिवारी ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। आरोपितों के मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर हत्या के मुख्य षड्यंत्रकारी धीरेंद्र सिंह, शूटर विपुल सिंह, झारखंडी सिंह सूबेदार सिंह कौशल किशोर सिंह विजय बहादुर सिंह वीरेंद्र बहादुर सिंह लाल शंकर उपाध्याय अमित पंडित अरविंद शैलेंद्र तनु सिंह अमरजीत सिंह आरोपितों का नाम प्रकाश में आया। वहीं आरोपित झारखंडी सिंह की मौत हो चुकी है। जबकि शूटर शेर बहादुर सिंह की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है।

इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की जांच प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार के नेतृत्व में हो रही थी। 12 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र पुलिस ने प्रस्तुत किया। सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, न्यायालय द्वारा सबको जमानत दे दी गई। आरोपी धीरेंद्र की जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई। जिले के बहुचर्चित हत्याकांड की सुनवाई पर जिले भर की नज़रें लगी हुई थी। इस हाई प्रोफाइल मामले में अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष की तरफ से कई अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पेश की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात मंगलवार को अदालत ने फैसला सुनते हुए सभी 12 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। देर शाम सभी को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

इस मामले में घटना में घायल मृतक के भाई डॉ उमेश चंद्र ने कहा कि न्यायालय ईश्वर का दूसरा रूप होता है। हमें पूरा भरोसा था कि न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा यह अद्वितीय न्यायालय का निर्णय रहा। इस प्रकार अगर न्याय होता रहा तो समाज में अपराध की संख्या कम हो जाएगी। मेरे भाई की हत्या करने में धीरेंद्र सिंह मुख्य साजिशकर्ता था। इन्होंने साजिश करके दो शूटर पुलिस की वर्दी में मेरे घर भेज कर हत्या कराया था आज जो सजा हुई है उसे हमें यह लगता है कि ईश्वर ने हमें पूर्ण रूप से न्याय दिया है। मेरे भाई विद्वान थे इसलिए विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग इनसे सम्पर्क करते थे तत्कालीन सपा सरकार में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और अखिलेश यादव भी इनके पास आया-जाया करते थे।

इस मामले में जानकारी देते हुए पूर्व एडीसी क्रिमिनल आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि रमेश तिवारी एक बहुत बड़े तांत्रिक थे, वह किसी के साथ अन्याय नहीं कर सकते थे। उनके गांव में ग्राम प्रधानी व अन्य कार्यों से वर्चस्व को लेकर कुछ लोगों ने मिलकर उनकी हत्या कराई। इनको मारने के लिये शूटरों की व्यवस्था आजमगढ़ से कराई गई थी। वह 11 से 12 की संख्या में आए थे सुबह 9:45 पर उनकी ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के दूसरे दिन इस मामले का खुलासा हुआ और इसमें सभी आरोपितों का नाम लगभग आ गया था। इस फैसले से हम लोग पूरी तरह संतुष्ट हैं। सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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