लखनऊ। मंगलवार को लखनऊ बार एसोसिएशन ने ऐलान करते हुए कहा कि बुधवार से सभी अर्जेंट वर्क के कार्य किए जाएंगे। लखनऊ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी की बैठक में फैसला किया गया कि हापुड़ की घटना के पीड़ित वकीलों से मुलाकात करने एक प्रतिनिधि मंडल हापुड़ भी जाएगा। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी ने फैसला किया है अति महत्वपूर्ण कार्य ही केवल लखनऊ कोर्ट में किए जाएंगे। इसके अलावा अन्य सभी कार्यविरत पर रहेंगे। 3 अक्टूबर की अगली बैठक में हड़ताल और लखनऊ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी आगे फैसला करेंगे।
लखनऊ बार में पारित हुआ प्रस्ताव
हापुड़ में लाठीचार्ज के विरोध में काम बंद कर चुके उत्तर प्रदेश के वकील 15 सितंबर से काम पर लौटने पर निर्णय हुआ था। उत्तर प्रदेश सरकार के मांगे मानने के आश्वासन पर वकीलों ने हड़ताल खत्म कर दी थी। इस मामले को लेकर शासन और अधिवक्ताओं के बीच सहमति बन गई है। इस मामले को लेकर यूपी बार काउंसिल और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी। बैठक में शासन ने कई मामलों पर सहमति जताई। प्रशासन ने कहा है कि मांग के मुताबिक, लाठीचार्ज के मामले में हापुड़ के एएसपी को हटा जाएगा, दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाएगा। विभिन्न जिलों में वकीलों पर दर्ज मुकदमें स्पंज होंगे। इसके अलावा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर कमेटी भी गठित की जाएगी। इस बैठक में बार एसोसिएशन यूपी उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय, अखिलेश अवस्थी, जानकी शरण पांडेय, प्रदीप कुमार सिंह, प्रशांत सिंह मौजूद थे।
क्या था पूरा मामला
हापुड़ में 29 अगस्त को अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना के अगले दिन यानी 30 अगस्त से प्रदेशभर में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भी न्यायिक कार्य से विरत रहे। राज्य विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने बताया, ‘‘मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के साथ वार्ता बहुत सकारात्मक रही। आंदोलन के दौरान प्रदेशभर में अधिवक्ताओं के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए, उन्हें समाप्त किए जाएंगे।” उन्होंने बताया, “एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर एक समिति बनाई गई है जिसमें बार काउंसिल से भी एक प्रतिनिधि रहेंगे और एक समय सीमा के भीतर इस अधिनियम संबंधी प्रस्ताव पारित किया जाएगा।’’