नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब के लुधियाना के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि हाल ही में गैस रिसाव त्रासदी में मारे गए 11 लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा मिले। हाइड्रोजन सल्फाइड रिसाव के दावों की जांच करने के लिए आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक आठ सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग संयुक्त समिति का गठन किया।
लुधियाना के गियासपुरा इलाके में 30 अप्रैल 2023 को गैस रिसाव हुआ था। जिसमें तीन नाबालिगों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी। न्यायाधिकरण ने खुद इस मामले को अपने हाथ में लिया था।
पीठ ने बताया कि समाचार पत्र के एक लेख कहा गया है कि हाइड्रोजन सल्फाइड त्रासदी का कारण हो सकता है। न्यायाधिकरण ने जोर देकर कहा कि उक्त गैस सीवरेज लाइन में छोड़े गए औद्योगिक कचरे से हो सकती है। आगे कहा कि इस तरह की एक रिपोर्ट के आलोक में, एनजीटी अधिनियम की धारा 15 के तहत उसके हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
पीठ ने कहा कि घटना के कारणों का पता लगाना जरूरी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों समेत आवश्यक उपचारात्मक कार्रवाई और पीड़ितों को मुआवजा देना जरूरी है।
पैनल ने फैक्ट-फाइंडिंग (तथ्यान्वेषी) समिति को 30 जून तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, और इस मामले पर न्यायाधिकरण द्वारा 13 जुलाई को फिर से विचार किया जाएगा।