Friday, March 29, 2024

पीयूष गोयल नॉएडा या वाराणसी से लड़ सकते है चुनाव, मोदी के कई मंत्रियों को अपने लिए सुरक्षित सीट की है तलाश !

नई दिल्ली| मोदी सरकार के कई दिग्गज मंत्री 2024 में लोक सभा चुनाव लड़ने के लिए मजबूत और सुरक्षित लोकसभा सीट की तलाश कर रहे हैं। कुछ नेताओं की यह तलाश पूरी हो गई है, लेकिन कुछ नेताओं की तलाश अभी जारी है।

दरअसल, अब तक उच्च सदन राज्यसभा से चुनकर आने वाले मोदी सरकार के दिग्गज मंत्री 2024 में लोकसभा चुनाव लड़कर अपनी लोकप्रियता साबित करने के साथ ही अगली सरकार में भी मंत्रिपद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की कोशिश करते नजर आएंगे।

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इसकी एक बड़ी वजह भाजपा का एक अघोषित नियम भी है, जिसके तहत पार्टी अपने किसी भी नेता को लगातार तीसरी या चौथी बार राज्य सभा भेजने से परहेज करती है। कई नेताओं के मामले में एक-दो बार पहले पार्टी ने इस अघोषित नियम में छूट भी दी है, लेकिन मुख्तार अब्बास नकवी प्रकरण के बाद से राज्यसभा से आने वाले दिग्गज मंत्रियों ने लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाना शुरू कर दिया।

इसमें खासतौर से वो मंत्री शामिल हैं, जिन्हें पार्टी पहले दो या दो से ज्यादा बार राज्य सभा भेज चुकी है। आपको याद दिला दें कि मंत्री होने के बावजूद पार्टी ने नकवी को फिर से राज्य सभा नहीं भेजा और किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।

मिली जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार के धर्मेद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मंडाविया, परशोत्तम रूपाला, पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण जैसे कद्दावर मंत्री 2024 में लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि हरदीप सिंह पुरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। ये सभी नेता अपने-अपने लिए लोकसभा की मजबूत और सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं।

सबसे पहले बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान की करते हैं, जिन्हें भाजपा ने 2012 में पहली बार और 2018 में दूसरी बार राज्यसभा भेजा था। उनका दूसरा टर्म अप्रैल, 2024 में खत्म हो रहा है, यानी केंद्र में अगली सरकार के गठन के समय प्रधान की राज्यसभा सदस्यता समाप्त हो चुकी होगी।

मिली जानकारी के अनुसार, धर्मेद्र प्रधान अपने गृह राज्य ओडिशा की ढेंकानाल लोकसभा सीट से 2024 में लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में प्रधान स्वयं सार्वजनिक तौर पर चुनाव लड़ने की इच्छा भी जता चुके हैं। प्रधान के करीबी और उनके परिवार के सदस्य लगातार ढेंकानाल का दौरा भी कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के एक और कद्दावर मंत्री भूपेंद्र यादव का भी राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2024 में ही खत्म हो रहा है। भाजपा उन्हें भी 2012 और 2018 में यानी दो बार राज्यसभा भेज चुकी है। बताया जा रहा है कि भूपेंद्र यादव राजस्थान की अलवर या हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।

गुजरात से आने वाले दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को भाजपा दो बार और केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला को तीन बार राज्यसभा भेज चुकी है। मंडाविया और रूपाला, दोनों ही मंत्रियों का राज्य सभा कार्यकाल अप्रैल, 2024 में ही समाप्त हो रहा है और सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों ही नेता अपने लिए लोक सभा की मजबूत सीट की तलाश कर चुके हैं।

बताया जा रहा है कि मनसुख मंडाविया, अपने गृह राज्य गुजरात के भावनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि इसके साथ ही उन्होंने गुजरात की सूरत और पोरबंदर लोकसभा सीट को भी विकल्प के तौर पर रखा हुआ है। केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला भी अपने गृह राज्य गुजरात की दो लोकसभा सीटों का विकल्प लेकर चल रहे हैं। रूपाला राज्य की अमरेली और राजकोट लोकसभा सीट पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

राज्यसभा से आने वाले मोदी सरकार के कई अन्य दिग्गज मंत्री, जिनका राज्यसभा का कार्यकाल 2026 और 2028 में खत्म हो रहा है, वे भी लोकसभा की मजबूत सीट ढूंढ रहे हैं। इसमें पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण जैसे कद्दावर मंत्री शामिल हैं। दोनों ही मंत्रियों को अब तक भाजपा तीन-तीन बार राज्यसभा भेज चुकी है।

वैसे तो गोयल का राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई 2028 में और सीतारमण का जून 2028 में समाप्त होगा, लेकिन सूत्रों की मानें तो ये दोनों दिग्गज मंत्री भी 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पीयूष गोयल अपने गृह राज्य महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी अपने लिए लोक सभा की मजबूत सीट की तलाश में जुटे हुए हैं।

सूत्रों के मुताबिक पीयूष यूपी में नॉएडा जैसी शहरी आबादी वाली सुरक्षित सीट से लड़ सकते है। पीएम मोदी के इस बार दक्षिण से चुनाव लड़कर पार्टी के लिए दक्षिण में माहौल बनाने की भी चर्चा है ऐसी स्थिति में पीयूष गोयल को वाराणसी से भी चुनाव लड़ाया जा सकता है।  पीयूष गोयल प्रधानमंत्री के चुनाव के दौरान भी वाराणसी में काफी सक्रिय रह चुके है और वहां उनका  संपर्क बहुत बेहतर भी है।

वहीं, निर्मला सीतारमण भी अपने गृह राज्य तमिलनाडु से लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं। आपको याद दिला दें कि कुछ महीने पहले ही केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण चेन्नई के बाजार में सब्जी खरीदती और स्थानीय लोगों से बातचीत करती हुई नजर आई थीं।

कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर मध्यप्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनाने में मददगार ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा ने पहली बार जून 2020 में राज्यसभा भेजा था और उनका कार्यकाल जून 2026 में समाप्त होगा, लेकिन बताया जा रहा है कि सिंधिया भी 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का राज्यसभा का दूसरा टर्म नवंबर 2026 में खत्म होगा, लेकिन बताया जा रहा है कि पार्टी के संकेतों को समझते हुए पुरी भी अपने लिए लोकसभा की मजबूत सीट की तलाश में जुटे हुए हैं।

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