नोएडा। छत्तीसगढ़ में हुए करोडों के शराब घोटाले के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल ने ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर थाना कासना में पूर्व में मुकदमा दर्ज था। मामले की जांच लखनऊ एसटीएफ को सौंपी गई है।
एसटीएफ के डीएसपी अविनेश्वर श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हुए अरबों के शराब घोटाले में इडी के एक उपनिदेशक की शिकायत पर वर्ष 2023 में थाना कासना में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें आईएएस अधिकारी निरंजन दास, अरुण त्रिपाठी, पूर्व उद्योग सचिव अनिल टुटेजा, अनवर धीवर और नोएडा के व्यवसायी विधु गुप्ता को आरोपी बनाया गया है। उनके अनुसार विधु गुप्ता की नोएडा में प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी है। उन्हें छत्तीसगढ़ के उत्पाद शुल्क विभाग को होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से टेंडर दिया गया था। वह निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र भी नहीं थे।
अधिकारियों की मिलीभगत से टेंडर की शर्तों के बदलाव के बाद अवैध तरीके से विधु गुप्ता की कंपनी को टेंडर दिया गया था। उन्होंने बताया कि विधु गुप्ता को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार करने के बाद मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय में पेश किया गया। वहां से न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
इस मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी और नेताओं की एसटीएफ तलाश कर रही है। इस मामले में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तारी की है। वह रायपुर की जेल में है। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में हुए करीब दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में अफसरों, नेताओं, शराब माफियाओं और उद्योगपतियों ने एक गिरोह बनाकर करोड़ों के वारे-न्यारे किया।