Saturday, November 2, 2024

मायावती ने दानिश अली को किया निलंबित, बोले- जनसरोकार से जुड़े मुद्दे उठाता रहूंगा !

लखनऊ- उत्तर प्रदेश में अमरोहा लोकसभा के सांसद दानिश अली को अनुशासनहीनता के आरोप में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निलंबित कर दिया गया है।

पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने शनिवार को कहा कि श्री अली पार्टी की नीतियों,विचारधारा और अनुशासन के विपरीत जाकर बयानबाजी कर रहे थे आौर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। इसलिये उन्हे पार्टी से निलंबित किया गया है।

श्री मिश्रा ने कहा कि श्री अली 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री देवीगौड़ा की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे थे। कर्नाटक में 2018 का आम चुनाव बसपा और जनता पार्टी ने मिल कर लड़ा था। चुनाव के नतीजे आने से पहले श्री देवीगौड़ा की सिफारिश पर श्री अली को अमरोहा से बसपा का टिकट दिया गया था। उस समय श्री देवीगौडा ने आश्वस्त किया था कि श्री अली बसपा की नीतियों के प्रति समर्पित रहेंगे और पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे। बसपा ने अपने टिकट पर श्री अली को लोकसभा पहुंचाया मगर श्री देवीगौडा से मिले आश्वासन के विपरीत श्री अली पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे, इसलिये उन्हे निलंबित करने का फैसला लेना पडा है।

गौरतलब है कि हाल ही में श्री अली पर भाजपा सांसद ने अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया था। इसके साथ ही उन पर कांग्रेस से नजदीकियां बढाने के भी आरोप लगते रहे हैं।

पार्टी से अपने निष्कासन के बाद सांसद कुंवर दानिश अली ने अपने बयान में कहा कि बहन मायावती का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूंगा कि उन्होंने मुझे बहुजन समाज पार्टी (बसपा)का टिकट देकर लोक सभा का सदस्य बनने में मदद की।

उन्होंने कहा “ बहन मायावती ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। उनका मुझे असीम स्नेह और समर्थन मिला लेकिन उनका आज मेरे निष्कासन का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से बसपा की नीतियों के अनुरूप कार्य करने और पार्टी को मज़बूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। इस बात की गवाह मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता है।”

श्री अली ने कहा “ मैंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जनविरोधी नीतियों की मुखालफत ज़रूर की है और आगे भी करता रहूँगा। चंद पूँजीपतियों द्वारा जनता की संपत्तियों की लूट के ख़िलाफ़ भी मैंने आवाज़ उठायी है और उठाता रहूंगा क्योंकि यही सच्ची जन सेवा है। यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने यह जुर्म किया है, और मैं इसकी सज़ा भुगतने को तैयार हूं। मैं अमरोहा की जानता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप की सेवा में हमेशा हाज़िर रहूंगा।”

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