मेरठ। छावनी के सिविल क्षेत्र को नगर निगम में समाहित किए जाने की कवायद के बीच उत्तर प्रदेश के शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव सत्यप्रकाश पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसके माध्यम से वर्चुअल मीटिंग में उत्तर प्रदेश के कैंट बोर्डों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बातचीत की।
प्रमुख सचिव सत्यप्रकाश पटेल ने कहा कि अब नए आधार पर कैंट के सिविल एरिया के नगर निकाय में विलय की जो रिपोर्ट तैयार की जा रही है, उसमें तेजी लाई जाए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी उसमें समाहित किया जाए।
मेरठ कैंट विधायक अमित अग्रवाल इस विषय को प्रदेश और केंद्रीय मंत्रियों के सामने रख चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस संबंध में सुझाव व मांग पत्र दिए गए हैं। इसमें छावनी की जमीन के राज्य सरकार को हस्तांतरण की बात कही गई है। विधायक अमित अग्रवाल ने कहा कि कैंट अंग्रेजों के समय से ही हैं, स्थानीय लोगों की भूमि रही है। भूमि की खरीद कैंट निर्माण के लिए नहीं की गई थी। कुछ भूमि का किराया अवश्य उनके द्वारा भूमि मालिकों को दिया जाता रहा। बाद में वह भी बंद हो गया।
विधायक अमित अग्रवाल ने कहा कि कैंट के सिविल एरिया के साथ ही सभी बंगले, सभी स्कूल, सभी खेल मैदान, सभी गार्डन, सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे आदि सिविल प्रभाव में आने वाले भवन व क्षेत्र नगर निकाय में समाहित कर दिए जाने चाहिए। इस बैठक में भी शहरी विकास प्रमुख सचिव ने जनप्रतिनिधियों के सुझावों को समाहित करते हुए समायोजन का मसौदा तैयार करने के निर्देश कैंट बोर्ड को दिए।