मेरठ। रोहित हत्याकांड में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में नर्सिंग होम संचालक डॉ. फराहीम की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मंगलवार को एसएसपी विपिन ताडा ने घटना स्थल का निरीक्षण किया था। तीन आरोपियों की गिरफ्तारी और शेष की तलाश करने की बात कही थी। जबकि पुलिस ने नर्सिंग होल सील कर सोमवार को परिजन व राज्यमंत्री दिनेश खटीक को डॉ. फराहीम समेत चार की गिरफ्तारी की जानकारी देकर जाम खुलवाया था।
रविवार को परीक्षितगढ़ बस स्टैंड पर पॉलिथीन न देने पर रोहित की चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजन व ग्रामीणों ने रोहित का शव रखकर बस स्टैंड पुलिस चौकी के सामने जाम लगा दिया था। राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी मौके पर पहुंचे थे। लोगों के रोष को देखते हुए राज्यमंत्री ने नामजद आरोपी डॉ. फराहीम की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई थी। राज्यमंत्री यह कहते हुए आरोपी को पकड़ने आगे बढ़े थे कि अगर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेगी, तो वे स्वयं आरोपी को अपनी टीम के साथ पकड़ेंगे। तभी पुलिस ने राज्यमंत्री को घेर लिया था। राज्यमंत्री ने धक्का-मुक्की का आरोप लगाया था।
इस घटना के बाद पुलिस ने नर्सिंग होम संचालक फराहीम समेत चार की गिरफ्तारी की जानकारी देकर जाम खुलवा दिया था। परिजनों का आरोप था कि डॉ. फराहीम ने आरोपियों को शरण दी और उन्हें भगाने में मदद की। इसके चलते उसे नामजद कराया गया था। पुलिस ने नामजद आरोपी तरुण, गुलाब और फारुख को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
एसएसपी विपिन ताडा मंगलवार सुबह 11 बजे मवाना थाने पहुंचे थे। एसएसपी ने पहले एसपी देहात कमलेश बहादुर, सीओ सौरभ सिंह के साथ बंद कमरे में लगभग एक घंटे तक घटना को लेकर वार्ता और मंथन किया। इसके बाद वे घटनास्थल परीक्षितगढ़ बस स्टैंड पर पहुंचे। रास्ते में फलावदा चौराहे से सुभाष चौक तक एसएसपी के साथ चल रहा वाहनों का काफिला जाम में फंसा था। लोगों ने घटनास्थल के पास पुलिस चौकी बनवाने की मांग की।