लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में छह व्यापारियों को ‘भामाशाह रत्न’ और तीन व्यापारियों को ‘उद्योग रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया।
लखनऊ स्थित रविंद्रालय में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि देश का अन्नदाता अगर किसान है तो भारत के विकास की गाथा का हिस्सा व्यापारी बंधु है। उन्होंने आजादी के आंदोलन में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार करने के आंदोलन में व्यापारियों की अग्रणी भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार व्यापारी समाज है। आज पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर व्यापार और उद्योग में भागीदारी कर रही हैं, जिसका असर समाज की मानसिकता पर भी पड़ता है तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध कम करने में मदद मिलती है।
राज्यपाल ने कहा कि व्यापारी समाज धार्मिक व सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में व्यापारी वर्गों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि छोटे, मध्यम एवं बड़े व्यापारी यदि सामंजस्य एवं समन्वय के साथ कार्य करें तो सबका भला होता है। जब किसान खेती के लिए बैंक से ऋण लेते हैं और फसल अच्छी नहीं होने पर उन पर ऋण का बोझ बढ़ता है तो सरकार सहायता करती है। समस्याओं का समाधान करना सरकार और संगठन का कार्य है।
भामाशाह रत्न सम्मान से सम्मानित होने वाले व्यापारियों में सुधीर हलवासिया, शिवम बिश्नोई, अजीत बग्गा, संतोष गुप्ता, राजू जयराम और गोविंद बाबू टाटा शामिल हैं। उद्योग रत्न सम्मान से सम्मानित होने वाले व्यापारियों में मनोज गोयल, मुरलीधर आहूजा और संदीप अग्रवाल थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने राज्यपाल को व्यापारियों के हितों से संबंधित एक सुझाव पत्र भी सौंपा। इस अवसर पर प्रदेशभर के कई प्रमुख व्यापारी मौजूद रहे।