मेरठ। सत्ताधारी नेताओं ने प्रोटोकॉल बताकर, व्यापारियों ने जान का खतरा बताकर गनर ले रखे थे। खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर एसएसपी ने 20 से अधिक रसूखदारों की सुरक्षा वापस ले जी है। गनर की वापसी होते ही रसूखदारों की हनक छीन गई है। एसएसपी ने उनकी सुरक्षा के लिए मुहैया कराए गए सरकारी गनर (सुरक्षाकर्मी) वापस बुला लिए। इससे रसूखदारों में खलबली मची है। अपनी जानमाल, तो कोई शान-शौकत का हवाला देकर सुरक्षा वापस दिलाने के लिए सिफारिश लगवा रहे हैं। बताया गया है कि खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा हटाई गई है। हालांकि, अभी भी जनपद में 98 लोगों को सुरक्षा मिली हुई है।
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जिले में सत्ताधारी नेताओं ने प्रोटोकॉल बताकर, उद्यमी-व्यापारियों ने जान पर खतरे का हवाला देकर, तो किसी ने सिफारिश लगवाकर सुरक्षा ले रखी है। खुफिया विभाग और जिला समिति ने 20 से अधिक लोगों की सुरक्षा हटाने की रिपोर्ट दी। जिसके आधार पर एसएसपी ने उनके गनर हटा दिए। सुरक्षा वापस दिलाने के लिए कई लोग सोमवार को एसएसपी ऑफिस भी पहुंचे, लेकिन एसएसपी सोमवार को एक दिन के अवकाश पर थे। जिसके चलते उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। मंगलवार को भी सिफारिश का दौर खूब चला, लेकिन किसी को सुरक्षाकर्मी नहीं लौटाया गया।
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एसएसपी ने जिन रसूखदारों के गनर वापस लिए हैं उनमें उद्यमी राजेश दीवान, उनके बेटे वेदांत दीवान, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन विमल शर्मा, पूर्व विधायक जितेंद्र सतवाई, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा अनुज राठी, भाजपा नेता धर्मसिंह सैनी, लोकेश प्रजापति, आशीष प्रताप, वरुण अग्रवाल, व्यापारी नेता विजेंद्र अग्रवाल, योगेश मोहन गुप्ता, कपिल शर्मा, विनोद कुमार, गौरव कुमार, बसपा नेता अतरसिंह राव, पुनीत जैन, मोनिका जैन व जावेद सिद्दीकी आदि की सुरक्षा हटाकर सरकारी गनर वापस बुलाए गए हैं।
पांच लाख के इनामी बदनसिंह बद्दो से जान का खतरा बताकर उद्यमी राजेश दीवान ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। शासन की अनुमति के बाद उनको गनर मिला है। राजेश दीवान का कहना कि परिवार को खतरा है। फिर से सुरक्षा मांगेंगे। मोस्ट वांटेड बद्दो सोशल मीडिया पर अकसर पोस्ट डालता रहता है। गनर वापसी के मामले में एसएसपी डॉक्टर विपिन ताड़ा का कहना है कि कुछ लोगों के गनर वापस हुए हैं। हर साल रिपोर्ट तैयार की जाती है। अभी भी बहुत लोगों को सुरक्षा मिली हुई है। सबकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।