नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव नजदीक आते ही दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वी छात्र संगठन एनएसयूआई और एबीवीपी ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। एनएसयूआई का कहना है कि एबीवीपी ने एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया पर हमला किया है। हितेश की कार पर लाठी-डंडों से हमला किया गया और कार के सभी शीशे तोड़ दिए गए।
वहीं, एबीवीपी ने एनएसयूआई पर आरोप लगाते हुए कहा कि रामजस कॉलेज में एनएसयूआई प्रत्याशियों के साथ बड़ी संख्या में बाहरी भीड़ अंदर घुसी और यहां मारपीट की।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में एबीवीपी द्वारा एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया पर हमला निश्चित हार के कारण बौखलाहट का परिणाम है। ये हमला दिल्ली पुलिस के संरक्षण में हुआ, ये और भी चिंतनीय है।
दीपेंद्र ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की हिंसा का कोई स्थान नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र बहुत जागरूक हैं। वे वोट की चोट से इसका जवाब देकर एनएसयूआई के पैनल को विजयी बनाएंगे।
उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का कहना है कि रामजस कॉलेज में एनएसयूआई प्रत्याशियों के साथ बड़ी संख्या में बाहरी भीड़ अंदर घुसी और मारपीट की। एबीवीपी के मुताबिक, लेफ्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन पूरे डूसू चुनाव में एनएसयूआई की बी टीम बन गए हैं और एनएसयूआई की गुंडागर्दी पर एक शब्द नहीं बोल रहे हैं।
एबीवीपी ने कहा कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई द्वारा लगातार बढ़ रही मारपीट की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग करती है। भगवा संगठन का कहना है कि कई वीडियो फुटेज सामने आए हैं, जिनमें एनएसयूआई के लोग लाठियां लेकर खुलेआम घूमते हुए देखे जा सकते हैं।
एबीवीपी ने कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘महिला आरक्षण बिल’ को मंजूरी देने के कदम को देश में महिला नेतृत्व को उचित स्थान देने की दिशा में अति महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखती है। समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में महिलाओं का कुशल नेतृत्व सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है, ऐसे में लोकसभा व राज्यसभा सहित राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दूरगामी परिणाम देने वाला होगा।
आरएसएस से जुड़़े़े छात्र संगठन का कहना है कि समाज के विविध क्षेत्रों में महिलाओं को उचित स्थान मिले, इस निमित्त विभिन्न प्रयास होने चाहिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद युवाओं के वृहद राष्ट्रव्यापी संगठन के रूप में ऐसे अनेक प्रयास कर रही है, जिसके द्वारा महिलाओं को देश में समानत अवसर प्राप्त हो सकें। इससे महिलाओं की सामाजिक एवं राजनैतिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और वे सशक्त राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाने में सक्षम हो सकेंगी।
एबीवीपी के याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि दशकों से लंबित पड़े महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत करने का कदम सराहनीय है। संगठन की राष्ट्रीय मंत्री अंकिता पंवार ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक, देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगा, महिला आरक्षण विधेयक से हम महिलाओं के लिए नई राहें प्रशस्त होंगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। डीयू प्रशासन ने चुनाव की तारीख 22 सितंबर घोषित की है।