मेरठ। मेरठ का चौधरी चरण सिंह विवि देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शुमार हो गया है। नैक ग्रेडिंग में चौधरी चरण सिंह विवि को ए-प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ है। शुक्रवार को इस ग्रेडिंग की खबर मिलते ही विवि में शिक्षकों और कर्मचारियों ने जश्न मनाया। विवि की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इसके लिए विवि के शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई दी।
नैक पीयर टीम ने दो से चार मार्च तक चौधरी चरण सिंह विवि का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के लिए विवि प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी। तीन दिन तक निरीक्षण करने के बाद शुक्रवार को नैक निरीक्षण का परिणाम आया तो विवि में खुशी की लहर दौड़ गई। नैक निरीक्षण में चौधरी चरण सिंह विवि को ए-प्लसप्लस ग्रेड मिला।
प्रेस वार्ता में विवि की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह ऐतिहासिक एवं अवस्मिरणीय क्षण है। इसमें कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल का योगदान अतुलनीय है। शुरूआती दौर से ही उनके द्वारा गहन विवेचना के साथ समय-समय पर नैक के कार्य की प्रगति की आख्या मांगी जाती रही तथा उस पर क्या सुधार हो सकते हैं। यह सुझाव भी उनके द्वारा निरन्तर प्राप्त होते रहे। जनवरी व फरवरी माह में दो बार उन्हाेंने स्वयं मुझे आख्या प्रस्तुत करने के लिए बुलाया।
लखनऊ में ही अप्रैल माह में तीन दिवसीय कार्यशाला में नैक के सभी क्राइटेरिया अध्यक्षों के साथ कार्यशाला में सहभागिता की। 27 मई 2022 का कुलाधिपति के विशेष कार्यकारी अधिकारी डॉ. पंकज लक्ष्मण जॉनी द्वारा नैक की तैयारियों के लिए विश्वविद्यालय आकर निरीक्षण किया गया। इसके बाद जुलाई माह में कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के समस्त क्राइटेरिया अध्यक्षों एवं टीम के साथ पूरे दिनभर नैक की तैयारियों पर चर्चा की। इसके बाद भी कई बार उन्होंने पत्रों के माध्यम से, ईमेल के माध्यम से, फोन पर तथा बुलाकर भी समीक्षा की तथा आवश्यक निर्देश भी दिये। इसलिए विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि में कुलाधिपति का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने कहा कि विवि की यह उपलब्धि सभी के सामूहिक प्रयास एवं कठिन परिश्रम का परिणाम है। विश्वविद्यालय का प्रत्येक शिक्षक, प्रत्येक अधिकारी, प्रत्येक कर्मचारी, प्रत्येक छात्र का महत्वपूर्ण योगदान इस उपलब्धि में है। ग्रेड मिलने से विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। आने वाले समय में हमारा प्रयास रहेगा कि हम शोध एवं इनोवेशन के क्षेत्र में कुछ और महत्वपूर्ण करें। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय डिस्टेंस एजूकेशन के साथ-साथ विदेशों के अच्छे विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू कर सकेगा। इसके अतिरिक्त बाहर से भी स्टूडेन्ट एक्सचेंज प्रोग्राम के अन्तर्गत विद्यार्थियों का आवागमन होगा। उन्होंने कई अन्य लाभ बताते हुए कहा कि प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत प्रोजेक्ट मिलना तथा विश्वविद्यालय को अलग-अलग क्षेत्रों में अनुदान भी मिल सकेगा। इससे पूर्व नैक द्वारा परिणाम घोषित होने पर पूरे परिसर में हर्ष एवं उल्लास का वातावरण हो गया। ढोल-नगांड़ों से सभी शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं जश्न में नाचने लगे।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने परिणाम घोषित होने के बाद सबसे पहले परिसर स्थित मंदिर पहुंचकर ईश्वर के दर्शन किये। इस अवसर पर कार्य परिषद सदस्य प्रो. अरूण सिंह, प्रो. वाई विमला, प्रो. भूपेन्द्र सिंह, प्रो. अनुज, प्रो. शिवराज पुण्डीर, प्रो. मुकेश शर्मा, प्रो. जयमाला, डॉ. अलका तिवारी, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार, वित अधिकारी रमेशचंद्र, विश्वविद्यालय अभियन्ता मनीष मिश्रा, विकास त्यागी, मनोज कुमार, कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सर्वोत्तम शर्मा, अमित शर्मा, संजीव वर्मा, मुनीश शर्मा, ज्ञानचंद रावत आदि उपस्थित रहे।