नई दिल्ली। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह नेता नसरल्लाह को शहीद बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने विरोध में चुनाव प्रचार करने से भी इनकार कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में आगामी 1 अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे।
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने नसरल्लाह की मौत पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा- लेबनान और गाजा के शहीदों, खासतौर से हसन नसरल्लाह के समर्थन में रविवार का चुनावी दौरा रद्द कर रही हूं। इस गहरे दुख और विद्रोह की घड़ी में हम फिलीस्तीन और लेबनान के लोगों संग खड़े हैं।’ लेबनान में इजरायली हमले में मारे गए नसरल्लाह के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के बडगाम में लोगों ने रैली भी निकाली। जिसमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल हुईं। आईडीएफ ने शनिवार को ही बता दिया था कि ताबड़तोड़ हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह मारा गया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था, ‘अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा।’ इस खुलासे के लगभग 20 घंटे बाद हिजबुल्लाह ने हसन नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की थी। हिजबुल्लाह की ओर से शनिवार (28 सितंबर) शाम बयान जारी किया गया।
कहा गया कि शुक्रवार साढ़े नौ बजे इजरायली हवाई हमले में नसरल्लाह की मौत हो गई। ईरान के सरकारी न्यूज नेटवर्क प्रेस टीवी ने शनिवार को एक्स पर लिखा, ‘हिजबुल्लाह ने शुक्रवार को बेरूत पर इजरायली हमले में अपने नेता सैयद हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की।’ बताया जा रहा है कि हमला इतना भीषण था कि आसपास की 6 बिल्डिंग ध्वस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि नसरल्लाह अपनी बेटी के साथ यहीं मौजूद था।
हालांकि इससे पहले ईरान की तरफ से यह दावा किया गया था कि नसरल्लाह को एक सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। बता दें हिजबुल्लाह की स्थापना में ईरान की अहम भूमिका थी। तेहरान हमेशा हिजबुल्लाह के साथ खड़ा रहा है। नसरल्लाह, 1982 में लेबनान पर इजरायली आक्रमण के बाद, हिजबुल्लाह की स्थापना के समय से ही इसके साथ जुड़ा हुआ था। 1992 में उसने संगठन के नेता के रूप में कार्यभार संभाला था।