वाराणसी । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में पिछले छह दिनों से धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह के समर्थन में मंगलवार को एक बार फिर करणी सेना के कार्यकर्ता पहुंचे। लेकिन इस दौरान छात्रों और करणी सेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
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मंगलवार को कई वाहनों के काफिले के साथ करणी सेना के अध्यक्ष और अन्य कार्यकर्ता बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरना स्थल पर पहुंचे। उन्हें देखकर कुछ छात्र विरोध में खड़े हो गए और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। इस दौरान छात्रा अर्चिता सिंह घबरा कर रोने लगी। तनाव भरा माहौल देख प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और कुछ छात्रों ने बीच-बचाव कर करणी सेना के कार्यकर्ताओं को वहां से जाने को कहा, जिसके बाद वे लौट गए।
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उधर,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में करणी सेना के प्रवेश पर नाराजगी जताई। छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय अध्ययन का स्थान है और यहां हर मुद्दे में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
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गौरतलब है कि इससे पहले भी करणी सेना के नेता धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रा को समर्थन दे चुके हैं। सोमवार को चंदौली से समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह और सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा भी छात्रा से मुलाकात कर चुके हैं। दोनों नेताओं ने छात्रा की बात ध्यानपूर्वक सुनी और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। सांसद वीरेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस विषय पर बातचीत भी की। इस पूरे मामले को अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी संज्ञान में लिया है
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और जिला प्रशासन से इसकी रिपोर्ट तलब की है। सोमवार को एडीएम सिटी ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रा से बातचीत की। छात्रा अर्चिता सिंह का कहना है, “मैं पिछले छह दिनों से धरने पर हूं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी तो बनाई, लेकिन उस कमेटी की बैठक में क्या हुआ, यह तक हमें नहीं बताया गया। मैं केवल न्याय की मांग कर रही हूं।”