Saturday, November 23, 2024

मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजना, 9 साल में देश में 50 फीसदी से ज्यादा गांव हुए खुले में शौच से मुक्त

नयी दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खुले में शौच से मुक्ति मिशन शुरु करने के नौ साल में आधे से अधिक गांवों ने मिशन के दूसरे चरण में खुले में शौच मुक्त का दर्जा हासिल कर लिया है।

मंत्रालय की सूचना के अनुसार अब तक 2.96 लाख से अधिक गांवों ने स्‍वयं को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है। यह 2024-25 तक मिशन के दूसरे चरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने नौ साल पहले देश को खुले में शौच से मुक्ति के लिए अभियान की शुरुआत की थी।

सरकार का कहना है कि खुले में शौच मुक्त गांवों में श्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में तेलंगाना शामिल है जिसने इस मिशन के तहत शत-प्रतिशत सफलता हासिल कर ली है। इस क्रम में कर्नाटक ने 99.5 प्रतिशत, तमिलनाडु ने 97.8 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश ने 95.2 प्रतिशत सफलता हासिल की है। छोटे राज्यों में गोवा 95.3 प्रतिशत और सिक्किम की सफलता 69.2 प्रतिशत है जबकि केंद्रशासित प्रदेशों में अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली और दमन दीव तथा लक्षद्वीप में शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त आदर्श गांव हैं।

मंत्रालय के अनुसार खुले में शौच मुक्त 2,96,928 गांवों में से 2,08,613 गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था के साथ खुले में शौच मुक्त आकांक्षी गांव हैं। इसी तरह से 32,030 गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था के साथ खुले में शौच मुक्त व्‍यवस्‍था की ओर बढ़ते हुए गांव हैं जबकि 56,285 गांव खुले में शौच मुक्त आदर्श गांव हैं। खुले में शौच मुक्त मॉडल गांव वह है जो खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए हुए है और इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है।

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर भी जागरूकता आई है और एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया है कि देश में 831 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयां और 1,19,449 अपशिष्ट संग्रह एवं पृथक्करण शेड स्थापित किए गये हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की सूचना के अनुसार प्लास्टिक को साफ कर उसके टुकड़े करके उसे सड़क निर्माण के कार्य में उपयोग में लाया जा रहा है और सीमेंट कारखानों में ईंधन के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंत्रालय कहा कहना है कि घरेलू स्तर पर जैव-निम्नीकरणीय अपशिष्ट प्रबंधन के वास्ते भी लोगों को सामुदायिक स्तर पर कंपोस्टिंग के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। इसके तहत 206 जिलों में 683 क्रियाशील बायो-गैस-सीबीजी संयंत्र स्थापित कर 3,47,094 सामुदायिक खाद गड्ढों का निर्माण किया गया है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय