कुरूद(छत्तीसगढ़)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने समर्थन मूल्य पर धान खरीद को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
सुश्री गांधी ने आज यहां एक बड़ी चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीद केन्द्र सरकार द्वारा करने के बयान दे रहे है। अगर केन्द्र सरकार धान की खरीद कर रही है तो उत्तरप्रदेश और दूसरे भाजपा शासित राज्यों में क्यों किसानों को बारह सौ – चौदह सौ में धान बेचना पड़ रहा है। स्वयं मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में फिर क्यों किसान बारह सौ – चौदह सौ में धान बेचने को मजबूर है।उन्होने कहा कि सच यह हैं कि छत्तीसगढ़ में धान की खरीद राज्य की कांग्रेस सरकार कर रही है।
उन्होने लोगो से धर्म एवं जाति के नाम से गुमराह करने वालों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि चुनाव के समय जज्बात को उभार कर वोट लेने वाले आपका भला नही कर सकते है। देश में सबसे ज्यादा धान की कीमत देने वाला राज्य छत्तीसगढ़ हैं तो सबसे कम बेरोजगारी दर यहां पर है। भाजपा शासित राज्यों का बहुत बुरा हाल है।मध्यप्रदेश में इनकी सरकार ने साढ़े तीन वर्ष में महज 21 रोजगार दिए है।
कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के चुनावी घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि पिछली बार हमने जो वादे किए थे वह पूरा किया है और इस बाऱ भी जो वादे किए गए है वह सभी पूरे होंगे। उन्होने कहा कि कांग्रेस का वादे पूरा करने का और भाजपा का वादे कर भूल जाने का ट्रैक रिकार्ड है। उन्होने कहा कि वोट लेकर वादे भुलाने वाले पता नही किस मुंह से फिर वोट मांगने जाते है। महिला आरक्षण पर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इसे लेकर बहुत इवेन्टबाजी हुई लेकिन सच यह है कि 10 वर्ष तो यह लागू ही नही होने वाला है।
जाति जनगणना के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हुए उन्होने कहा कि हम महिला आरक्षण में ओबीसी की आरक्षण की बात करते है तो ये पीछे हट जाते है। मोदी जी ओबीसी ओबीसी की बात करते रहते है लेकिन जाति जनगणना के नाम पर चुप्पी साध लेते है।
बिहार में हुई जाति जनगणना का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि वहां ओबीसी,दलित और आदिवासी 84 प्रतिशत है तो क्या इन वर्गों को उतना प्रतिनिधित्व हर क्षेत्र में मिल रहा है। मीडिया हाउस,बड़े विश्वविद्यालयों के कुलपति,डाक्टर इंजीनियर, सरकार के सचिव इस वर्ग के है। उन्होने प्रधानमंत्री मोदी पर सरकारी सम्पत्तियों को कौडियों के भाव अपने उद्योगपति मित्रों को बेचने का आरोप लगाया।