भोपाल। मध्य प्रदेश की सरकार धार्मिक नगरों को लेकर एक बड़ा फैसला करने जा रही है और इन नगरों में शराबबंदी की तैयारी है। इस बात के संकेत राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए हैं। राज्य सरकार का बजट जल्दी ही आने वाला है और इस बजट में सरकार शराब नीति में बड़ा बदलाव कर सकती है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि बजट सत्र करीब है इसलिए हमारी सरकार विचार कर रही है कि धार्मिक नगरों के लिए अपनी आबकारी नीति में संशोधन करें और धार्मिक नगरों में शराबबंदी की तरफ बढ़ें। राज्य के कई साधु संतों और अन्य लोगों ने सुझाव दिए हैं कि धार्मिक नगरों में शराबबंदी की जाए, जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
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हम प्रयास कर रहे हैं कि हर हालत में अपने धार्मिक नगरों की सीमा में स्थित शराब दुकान बंद कराएं ताकि धार्मिक वातावरण को लेकर जो शिकायतें आती हैं, उन्हें खत्म किया जा सके। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए इस बारे में जल्दी कोई फैसला करेंगे। ज्ञात हो कि मोहन यादव ने नर्मदा नदी के किनारे स्थित शहरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि अनूपपुर जिले के अमरकंटक को पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और स्थानों में मांस और शराब का सेवन न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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ज्ञात हो कि राज्य से प्रवाहित होने वाली नर्मदा नदी के किनारे 21 जिले, 68 तहसील, 1,138 गांव और 1,126 घाट हैं। साथ ही 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ भी हैं। उन्होंने राज्य प्रशासन को आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि नदी के पवित्र स्थलों के पास कोई भी मांस और शराब की बिक्री न हो। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अब राज्य की सभी धार्मिक नगरी में शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाए जाने के संकेत दिए हैं। इसके लिए राज्य सरकार आबकारी नीति में भी संशोधन करेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव इन दिनों अपने फैसलों के कारण काफी चर्चाओं में हैं। उन्होंने कई ग्राम पंचायतों के नाम को बदला है।