जम्मू/ श्रीनगर- जम्मू-कश्मीर विधानसभा के दूसरे चरण की 26 सीटों पर बुधवार शाम छह बजे मतदान समाप्त हो गया और इस दौरान रात साढ़े ग्यारह बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार औसतन 56.94 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें सर्वाधिक वोट श्री माता वैष्णो देवी सीट पर और हब्बाकदल सीट पर सबसे कम मतदान हुआ।
चुनाव आयोग के मुताबिक आज दूसरे चरण में छह जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, गंदेरबल, श्रीनगर और बड़गाम के 26 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ। श्री माता वैष्णो देवी सीट पर सबसे अधिक 80.74 प्रतिशत मतदान हुआ और हब्बाकदल में सबसे कम 19.81 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
आयोग ने प्रवासी कश्मीरी मतदाताओं ने 24 विशेष मतदान केंद्रों के माध्यम से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। जिनमें से प्रवासी कश्मीरियों के लिए जम्मू में 19, उधमपुर में एक और दिल्ली में चार मतदान केन्द्र स्थापित किये थे। इससे पहले, आयोग ने बोझिल फॉर्म-एम को समाप्त करके और स्व-प्रमाणन को सक्षम बनाकर प्रवासी कश्मीरी मतदाताओं के लिए इस प्रक्रिया को आसान बनाया था।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के छह जिलों में से बडगाम में 62.98 प्रतिशत, गंदेरबल में 62.51, पुुंछ में 73.80, राजौरी में 70.95, रियासी में 74.70 और श्रीनगर जिले में 29.51 प्रतिशत मतदान हुआ। प्रदेश के श्री माता वैष्णो देवी सीट पर जहां सबसे अधिक मतदान हुआ वहीं हब्बाकदल में सबसे कम मतदाता अपने घरों से बाहर निकले। अन्य सीटों में बीरवाह में 66.94, बडगाम में 51.09, बुढाल (सुरक्षित) में 70.14, सेंट्रल शालटेंग में 31.83, चदूरा में 57.19, चन्नापोरा में 29.50,
चरार-ए-शरीफ में 70.26, ईदगाह में 36.65, गंदेरबल में 56.60, गुलाबगढ़ (सुरक्षित) में 73.49, हजरतबल में 32.35, कलाकोटे-सुंदरबनी में 68.71, कंगन (सु) में 72.18, खानसाहिब में 72.04, खानयार में 26.08, लाल चौक में 32.67, मेंढर (सुरक्षित) में 71.60, नौशेरा में 72.00, पुंछ-हवेली में 74.66, राजौरी (सुरक्षित) में 70.56, रियासी में 72.06, सूरनकोट (सुरक्षित) में 74.95, थन्नामंडी (सुरक्षित) में 72.92 और जेदीबल में 28.36 प्रतिशत औसतन मतदान हुआ।
बडगाम में श्री उमर अब्दुल्ला का मुकाबला पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के आगा सैयद मुंतजिर से है, जो नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) नेता एवं सांसद रूल्ला मेहदी के चचेरे भाई हैं। नौशेरा सीट से चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा। भाजपा प्रमुख को विधान परिषद के पूर्व सदस्य सुरिंदर चौधरी से कड़ी चुनौती मिल रही है, जिन्होंने नेकां के टिकट पर चुनाव लड़ा है।
अन्य प्रमुख उम्मीदवार जिनके भाग्य का फैसला दूसरे चरण में हुआ है, उनमें सेंट्रल-शालटेंग से कांग्रेस जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष तारिक कर्रा, चन्नापोरा से अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी, गंदेरबल और बीरवा से जेल में बंद मौलवी एवं अलगाववादी नेता सरजन अहमद वागे, खानयार से नेकां नेता अली मोहम्मद सागर, चरार-ए-शरीफ से रहीम राथर, लाल चौक से भाजपा नेता ऐजाज हुसैन, बुढाल से चौधरी जुल्फिकार और सूरनकोट से सैयद मुश्ताक बुखारी शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया बिना किसी अप्रिय घटना के पूरी हुई। इससे पहले दिन में, निर्वाचन सदन में मीडिया से बातचीत करते हुए, श्री कुमार ने कहा कि यह चुनाव ‘इतिहास रचने वाला’ हैं, जिसकी गूंज आने वाली पीढ़ी तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि जो घाटियां और पहाड़ कभी भय, आतंक और बहिष्कार का गवाह बनते थे, वे अब लोकतांत्रिक उत्सव या “जश्न-ए-जम्हूरियत” में हिस्सा ले रहे हैं।
दूसरे चरण में जिन छह जिलों की 26 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए 3502 मतदान केंद्र बनाये गये वहां मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाला। इस चरण में 233 पुरुष और छह महिला उम्मीदवारों सहित 239 उम्मीदवारों ने अपना किस्मत आजमाया है।
दूसरे चरण में केंद्रों पर 13,000 से ज़्यादा मतदान कर्मचारी तैनात किये गये हैं। हर मतदान केंद्र पर बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है, ताकि भयमुक्त माहौल में मतदान सुनिश्चित हो सके। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करीब एक दशक बाद हो रहे हैं। पहला चरण 18 सितंबर को हुआ था, जिसमें 61 प्रतिशत से ज़्यादा मतदान हुआ था और आखिरी चरण का मतदान एक अक्टूबर को होना है। मतगणना आठ अक्टूबर को होगी और पूरी चुनाव प्रक्रिया 10 अक्टूबर तक संपन्न हो जायेगी।