सहारनपुर। सांसदों और विधायकों को विकास कार्यों के लिए पांच-पांच करोड़ रूपए की मिलने वाली निधि का जनप्रतिनिधि ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि जिले के सातों विधायक अपनी निधि की ढाई-ढाई करोड़ की पहली किश्त का इस्तेमाल कर चुके हैं लेकिन पहली बार चुने गए दोनों सांसद इमरान मसूद और इकरा हसन अपने प्रस्ताव देना ही भूल गए हैं।
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परियोजना निदेशक डीआरडीए प्रणय कृष्ण ने आज बताया कि सीडीओ सुमित राजेश महाजन ने दोनों सांसदों को स्मरण पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। इकरा हसन यूं तो कैराना लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र के दो विधानसभा क्षेत्र गंगोह और नकुड़ सहारनपुर जनपद में ही पड़ते हैं। इसके लिए कोई प्रस्ताव उनकी ओर से नहीं दिया गया है। ध्यान रहे कि इन्हीं दोनों क्षेत्रों ने उनको सांसद चुने जाने में निर्णायक भूमिका अदा की।
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जहां तक सवाल इमरान मसूद का है वह कांग्रेस पार्टी के इतने बड़े मुस्लिम चेहरे हैं कि उनकी सक्रियता प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा बढ़ गई है। शायद इस कारण वह अपने संसदीय क्षेत्र का विकास भी भूल बैठे हैं। इन दोनों सांसदों से इन संसदीय क्षेत्र के लोगों को बड़ी-बड़ी उम्मीदें थीं। सहारनपुर जिले के मतदाताओं को उम्मीद है कि दोनों सांसद उनकी आकांक्षाओं पर खरा उतरेंगे और सांसद निधि से होने वाले विकास कार्यों पर ध्यान देने का काम करेंगे।
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प्रणय कृष्ण के मुताबिक सांसद और विधायक निधि से सड़कें, नालियां, खड़ंजे, पथ प्रकाश, स्कूलों में कमरे बनवाना, श्मशान घाट का निर्माण कार्य समेत अनेक मदे हैं जहां निधि का व्यय किया जाता है।