प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर व उसके केयर टेकर सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा के खिलाफ अपीलों को सुनवाई के लिए 21 अगस्त को पेश करने का आदेश दिया है। हालांकि दोनों पक्षों की तरफ से कई दिनों तक विस्तार में बहस की गई।
कोर्ट ने कहा अपीलों को दुबारा 21 अगस्त को पेश किया जाय क्योंकि अपील के दस्तावेज कई खंडों में है और मूल दस्तावेजों के परिशीलन के समय यदि कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत पड़े तो दोनों पक्षों के वकीलों से स्पष्ट किया जा सके। कोर्ट ने कहा कि तमाम तथ्यात्मक विंदुओं व कानूनी मुद्दों पर पक्षों की तरफ से विस्तृत बहस की गई।
बहस पूरी हो चुकी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस एच ए रिजवी की खंडपीठ ने मोनिंदर सिंह पंढेर व सुरेंद्र कोली की अपीलों की सुनवाई करते हुए दिया है।
मालूम हो कि नोएडा के निठारी गांव से लड़कियां गायब हो रही थी। नोएडा स्थित पंढेर की कोठी के पास नाले की सफाई में कई नर कंकाल मिले। पुलिस की छानबीन में दर्जनों लड़कियों की मानव तस्करी, दुष्कर्म व नृशंस हत्या का खुलासा हुआ। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। जिसने गाजियाबाद की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने कोली को एक केस में फांसी की सजा सुनाई। जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने भी पुष्टि कर दी। किंतु राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पर निर्णय लेने में देरी पर हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दी। इसके बाद कोली को सी बी आई कोर्ट ने 15 केसो में दुष्कर्म, जघन्य हत्या का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोठी के मालिक पंढेर को दो केसों में फांसी की सजा सुनाई गई हैं। जिन्हें अलग अलग अपीलों में चुनौती दी गई है।
कोली की अपील पर बहस के बाद पंढेर की अपीलों पर बहस हुई। सी बी आई के वकीलों ने कहा कि पंढेर के मानव तस्करी, दुष्कर्म व हत्या अपराध में लिप्त होने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। दो दिन पहले कोर्ट ने जेल अधीक्षक से कोली, पंढेर के जेल के भीतर व्यवहार की रिपोर्ट भी मांगी है। मामले की सुनवाई 21 अगस्त को दुबारा होगी।