नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी सीईओ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन केवल कागजी कार्रवाई तक ही कर रहे है। इस बात का खुलासा आज नोएडा सीईओ को अपने भ्रमण के दौरान पता चला। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए काम में लापरवाही बरतने पर उद्यान विभाग के निदेशक को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने एवं अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के निर्देश दिए। सीईओ के इस कदम से प्राधिकरण अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है।
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नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने आज नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे एवं सेक्टर-150 का भ्रमण किया। जिसमें उनके द्वारा क्षेत्र के सिविल, उद्यानिक एवं विद्युत अनुरक्षण, सफाई व्यवस्था, अतिक्रमण इत्यादि की समीक्षा की गई। निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के साथ प्राधिकरण के सिविल एवं जल विभाग की टीम उपस्थित रही। सीईओ ने
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के समानान्तर सेक्टर-150, 152 की तरफ नाला निर्मित न होने के कारण उक्त स्थल पर वेस्ट वाटर ग्रीन बेल्ट में जा रहा है, जिसके कारण उक्त स्थल पर मच्छर पनप रहे हैं, जिससे आसपास बीमारियां फैलने की प्रबल संभावना है। उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए तत्काल ग्रीन बेल्ट से सारे पानी की निकासी के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर सर्विस रोड क्षतिगस्त पायी गई।
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के चैनेज 10 किमी. से 20 किमी. तक पूर्व में बनाये गये प्लान्टर्स में जो प्लान्टर क्षतिग्रस्त हो गये व टूट गये हैं, उनको स्थल से पूर्ण रूप से हटाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिये गये। एक्सप्रेस-वे की दोनों ओर की सर्विस रोड पर एवं सैक्टर-150 के आन्तरिक क्षेत्र में सड़कों पर सिल्ट जीम हुई पायी गई, जिसकी सफाई कराये जाने हेतु जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान कुछ स्थानों पर सड़कों पर कर्ब स्टोन टूटकर गिरे हुए पाये गये, जिनकी मरम्मत कराने एवं पुनः लगाने के निर्देश दिये। सेक्टर-150 के समीप निर्मित अण्डरपास में सेक्टर-148 की ओर से पानी आता हुआ पाया गया, जिसकी ग्राउटिंग करने को निर्देशित किया गया।
निरीक्षण के दौरान सीईओ को जानकारी मिली कि उनके द्वारा पूर्व में दिनांक 30.11.2024 एवं 06.01.2024 को किये गये स्थल भ्रमण के दौरान एक्सप्रेस-वे पर उद्यान विभाग से संबंधित कार्यों में सुधार करने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु आज निरीक्षण के दौरान उक्त निर्देशों पर उद्यान विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, जो कि विभागीय लापरवाही का स्पष्ट द्योतक है। सीईओ ने इस पर नाराजगी जताते हुए उद्यान विभाग के निदेशक को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने एवं अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के निर्देश दिये।