श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को बारामूला लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
उमर अब्दुल्ला ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और समर्थकों के साथ बारामूला के जिला विकास आयुक्त के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। विकास आयुक्त बारामूला निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी भी हैं।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (एनसी) के सज्जाद गनी लोन और जेल में बंद पूर्व विधायक इंजीनियर राशिद पहले ही इस लोकसभा सीट के लिए पर्चा दाखिल कर चुके हैं।
महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने पूर्व राज्यसभा सदस्य फैयाज अहमद मीर को यहां से मैदान में उतारा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई को मतदान होना है।
इस दौरान भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की आदत है नफरत भरी बयानबाजी करने की। भाजपा के नेता धर्म विशेष टिप्पणी कर रहे हैं। उन पर आचार संहिता लागू क्यों लागू नहीं हो रही है। चुनाव आयोग उन्हे ऐसी इजाजत कैसे देता है। इस मुल्क में मजहब के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है। यह बहुत अफसोसनाक है।
उमर ने कहा कि 370 के खिलाफ वे अपने लोगों से वोट मांग रहे हैं। इस लड़ाई में उनके साथ और भी लोग हैं। 20 साल के बाद उन्होंने लोकसभा के लिए अपना नामांकन भरा है। यहां तक कि 10 साल बाद कोई नामांकन भरा है। विधानसभा चुनाव 2014 के बाद हुए ही नहीं। 2019 के बाद पहला बड़ा चुनाव है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लद्दाख की सीट समेत छह सीटें नेकां-कांग्रेस गठबंधन जीतेगा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘आज, 20 साल बाद, मैंने लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। पिछले 10 वर्षों से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं और इस आगामी चुनाव का महत्व यह है कि 5 अगस्त 2019 के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। हमें उम्मीद है कि हम जम्मू की 5 सीटों पर सफलता हासिल करेंगे और कश्मीर और लद्दाख की एक सीट पर जीत दर्ज करेंगे।’