Tuesday, November 5, 2024

जयपुर बम ब्लास्ट की पंद्रहवी बरसी पर भाजपा करेगी धरना प्रदर्शन, हनुमान चालीसा का करेगी पाठ

जयपुर । जयपुर शहर में 13 मई 2008 को विभिन्न स्थानों पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट की पंद्रहवीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी शहर के सभी 250 वार्डों में धरना- प्रदर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ करेगी।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने जयपुर ब्लास्ट इंसाफ मांगे राजस्थान नाम से पोस्टर भी जारी किया। उन्होंने अभियान से जुडने के लिए मिस्ड कॅाल के लिए टोल फ्री नंबर जारी करते हुए शनिवार को प्रदेशभर में ट्वीटर पर हैश टैग चलाने की अपील भी की।

उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जयपुर बम धमाकों के दौरान देश में पांच बडे बम धमाके हुए थे, जिसमें से समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव बम ब्लास्ट, हैदराबाद मक्का मस्जिद ब्लास्ट, अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट मामले और जयपुर बम ब्लास्ट, इनमें से जयपुर बम ब्लास्ट के अलावा चारों मामलों में जांच एनआईए को सौंपी गई। वहीं जयपुर ब्लास्ट मामले में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों को बचाने के लिए गहलोत सरकार ने एसआईटी का गठन कर उसे जांच सौंप दी, जिससे बम कांड से जुडे तथ्य सही से नहीं जुटाए गए जिसके चलते सभी आरोपी उच्च न्यायालय से बरी हो गए। कांग्रेस की तुष्टिकरण की मंशा साफ स्पष्ट होती है।

चतुर्वेदी ने जयपुर ब्लास्ट की पैरवी के संबध में कहा कि इस मामले को लेकर न्यायालय में 48 पेशियां लगी, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी तारीख पर मजबूत पैरवी के लिए वकील नहीं भेजे गए। वहीं जब बात अफजल को बचाने की आती है तो कांग्रेस रात 12 बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है। कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी आतंकियों के मामले में आगे आकर पैरवी करते हैं, जबकि अन्य मामलों में चुप्पी साध लेते हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर भगवा आतंकवाद जैसे नारे देने का आरोप भी लगाया।

प्रेस कांफ्रेस में अरुण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी दोषियों को बरी हुए एक माह से ज्यादा समय हो गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं की गई, जबकि भाजपा ने दो पीडित परिवारों के साथ जाकर एसएलपी दायर करने में सहयोग किया। पत्रकार वार्ता में जयपुर सांसद रामचरण बोहरा और शहर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा भी मौजूद थे।

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