इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को सऊदी अरब में भारत के साथ वार्ता की पेशकश की। उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। राजधानी इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि, भारत और पाकिस्तान के बीच अगर वार्ता होती है तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर पर होगी। बातचीत का एजेंडा कश्मीर, पानी, आतंकवाद और व्यापार पर केंद्रित होगा। पाकिस्तान-भारत वार्ता के दौरान ये मुख्य बिंदु होंगे। शहबाज ने कहा कि, “भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव धीरे-धीरे कम हो रहा है, दोनों पक्षों के डीजीएमओ एक-दूसरे से बातचीत करने लगे हैं।” उन्होंने कहा, “अगर दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच वार्ता होती है तो पाकिस्तान का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार करेंगे। वार्ता के लिए सऊदी अरब तटस्थ स्थान हो सकता है। अमेरिका मध्यस्थता कर सकता है। लेकिन भारत ने अभी तक बातचीत के लिए किसी तटस्थ स्थान पर सहमति नहीं जताई है।
“पाकिस्तान के पीएम ने कहा, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने का फैसला संघीय कैबिनेट में परामर्श और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के संस्थापक और भाई नवाज शरीफ से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने लिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी उस दिन आई है जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को दोहराते हुए कहा कि, “जब तक इस्लामाबाद कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को नहीं छोड़ता, तब तक उसके साथ कोई बातचीत या व्यापार नहीं होगा।” राजस्थान के बीकानेर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “अगर कोई बातचीत होगी, तो वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर होगी। अगर पाकिस्तान आतंकवादियों का निर्यात करना जारी रखता है, तो वह पाई-पाई के लिए तरसेगा। उसे भारत का एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा।” पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि “भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा।”