नोएडा। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान का दूसरा चरण शुक्रवार (24 फरवरी) से शुरू होगा। पांच मार्च तक चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीज खोजेंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शिरीष जैन ने बताया- अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर टीबी के साथ डायबिटीज , एचआईवी के मरीजों की भी तलाश करेंगे। एसीएफ अभियान के तहत जनपद की 20 प्रतिशत आबादी (शहरी व ग्रामीण बस्ती तथा उच्च जोखिम क्षेत्र) में घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी।
उन्होंने बताया- एसीएफ के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि किस तरह उन्हें घरों में जाकर लोगों से बात-चीत करनी है और टीबी के बारे में बताना और जागरूक करना है। उन्हें बताया गया कि किसी भी घर में टीबी से मिलते जुलते लक्षण वाला यदि कोई पुरुष या महिला अथवा बच्चा मिलता है तो उसकी जांच की जाए।
डा. जैन ने बताया-एसीएफ में मिलने वाले मरीजों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। टीबी मरीजों की जल्दी पहचान होने से जल्दी उपचार शुरू हो जाता है।
उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका कम हो जाती है। आमतौर पर एक टीबी मरीज उपचार न होने की स्थिति में साल भर में 10-15 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
इसलिए बहुत जरूरी है कि टीबी के साधारण लक्षण नजर आते ही तुरंत जांच करायी जाए।
डा. जैन ने बताया- 15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच जरूर कराएं। इसके अलावा भूख न लगना, वजन कम होना, थकान रहना, बलगम के साथ खून आना, सीने में दर्द और रात में सोते समय पसीना आना भी टीबी के लक्षण हो सकते हैं। एसीएफ अभियान का पहला चरण 20 फरवरी से शुरू हुआ।
बृहस्पतिवार (23 फरवरी) तक, मदरसों, अनाथालय वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्य़ालय, कारागार, चिन्हित समूह-स्थल सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्ठों पर टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी।