प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर के गैंगस्टर, खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के खिलाफ अदालत द्वारा जारी कुर्की आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा है कि सत्य छिपाकर विशेष पावर आफ अटार्नी लेकर तंसीफ द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के अंतर्गत दाखिल याचिका ग्राह्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पावर आफ अटार्नी में नियमानुसार स्टैम्प नहीं है। कहा गया है कि व्यवसायिक व्यस्तता के कारण पैरवी न कर पाने पर पावर आफ अटार्नी दी है। याचिका में कहा गया है कि हाजी इकबाल विदेश में हैं किंतु किस देश में हैं इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
याची ने तथ्य छिपाकर याचिका दायर की है। वह स्वच्छ हृदय से कोर्ट नहीं आया है। इसलिए याचिका पोषणीय नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने हाजी इकबाल उर्फ बाला की याचिका पर दिया है। जिसे तंसीफ ने अटार्नी के माध्यम से दाखिल की थी। अपर महाधिवक्ता ने याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाए।
हाजी इकबाल और उसके बेटो सहित छह लोगों के खिलाफ सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत 9 अप्रैल 22 को एफ आई आर दर्ज कराई गई है। विशेष अदालत एमपी एमएलए सहारनपुर ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जो तामील नहीं हो सका। तो विवेचना अधिकारी की अर्जी पर धारा 82 की कार्यवाही की गई है। जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी। याची पर अवैध खनन, स्मगलिंग, आपराधिक धमकी, जमीनों पर अवैध कब्जे जैसे संगीन अपराध का गैंग चलाने का आरोप है।