नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को डिजिटल अरेस्ट की धोखाधड़ी से सावधान करते हुए कहा कि कोई भी जांच एजेंसी कभी भी पूछताछ के लिए आपसे फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क नहीं करेगी। उन्होंने डिजिटल सुरक्षा के लिए रुको, सोचो और एक्शन लो के तीन चरणों का पालन करने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ मासिक रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों के साथ अपने विचार साझा कर रहे थे। कार्यक्रम की यह 115वीं कड़ी थी।
उन्होंने देशवासियों को डिजिटल सुरक्षा के लिए रुको, सोचो और एक्शन लो के तीन चरण बताए। प्रधानमंत्री ने डिजिटल फ्रॉड करने वालों को समाज का दुश्मन बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर सावधान रहें। घबराएं नहीं। इस बारे में सोचें, राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन को रिपोर्ट करें और सबूत सुरक्षित रखें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के शिकार होने वालों में हर वर्ग, हर उम्र के लोग हैं। लोगों ने डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गवां दिए हैं। कभी भी आपको इस तरह का कोई कॉल आए तो आपको डरना नहीं है। आप को पता होना चाहिए कोई भी जांच एजेंसी फोन कॉल या वीडियो कॉल पर इस तरह पूछताछ कभी भी नहीं करती।
उन्होंने कहा कि मैं आपको डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताता हूँ- ‘रुको सोचो-एक्शन लो’। कॉल आते ही, ‘रुको’ – घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें।
प्रधानमंत्री ने दूसरा चरण बताते हुए कहा कि ‘सोचो’ – कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसे धमकी नहीं देती, न ही वीडियोकॉल पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है, अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है।
उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के तहत ‘एक्शन लो’। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें, cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें, परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें।