नयी दिल्ली- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने युवाओं में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए सरकार से युवाओं के खुशहाल भविष्य के लिए विकासोन्मुखी योजना बनाने का आग्रह किया है।
श्री गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर जारी एक संदेश में कहा “देश मे युवाओं के बीच बढ़ता आत्महत्या दर बहुत ही दुखद और चिंताजनक है। पिछले दशक में जबकि 0-24 आयु के बच्चों की जनसंख्या 58.20 करोड़ से घटकर 58.10 करोड़ हो गई, छात्र आत्महत्याओं की संख्या चौंकाने वाले रूप से 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई।”
उन्होंने कहा “भारत आज सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है-अफसोस की बात है कि इस शक्ति को सही इस्तेमाल की सुविधाओं की जगह उन्हें कठिनाइयां और मजबूरियां मिल रही हैं। ये सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत ही गहरी समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है। भयंकर बेरोज़गारी, पेपर लीक, शिक्षा में भ्रष्टाचार, महंगी पढ़ाई, सामाजिक उत्पीड़न, आर्थिक असमानता, माता-पिता का दबाव- आज के विद्यार्थी ऐसी अनगिनत समस्याओं से जूझते हुए सफलता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने सरकार से इस समस्या का निदान निकालने का आग्रह करते हुए कहा “मेरी सरकार से अपेक्षा है कि वह विद्यार्थियों और युवाओं के इस कठिन रास्ते को आसान करने की हर संभव योजना बनाए-उनके रास्ते में बाधाएं नहीं, उन्हें समर्थन पहुंचाएं।”
श्री गांधी ने ब्च्चों के माता-पिता से भी अनुरोध करते हुए कहा “विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिवावकों से अनुरोध है की उन्हें मानसिक समर्थन और प्रोत्साहन दें और देश के युवा साथियों से अपील है समस्याओं के विरुद्ध आवाज़ उठाओ, सवाल करो, अपना हक़ मांगो- डरो मत। मैं आपके साथ खड़ा हूं और आपके अधिकार दिलाने के लिए सड़क से संसद तक लड़ता रहूंगा।”