लखनऊ- उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनो से हो रही बारिश की तीव्रता में शुक्रवार को मामूली कमी आयी। बारिश के कारण नदियों के उफनाने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा गहरा गया है वहीं दर्जनों गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। पिछले 24 घंटों में वर्षा जनित हादसों में कम से कम सात लोगों की मृत्यु हो गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अतिवृष्टि एवं आकाशीय विद्युत से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है और दिवंगत व्यक्तियों के परिजनों को चार चार लाख रूपये की अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की टीमें तैनात करने के निर्देश दिये हैं।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 11 जिलों के 36 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में अतिवृष्टि से छह तथा आकाशीय बिजली से एक व्यक्ति की मृत्यु हुयी है। बारिश से कन्नौज, मथुरा, इटावा, बुलन्दशहर, अमरोहा एवं गाजियाबाद में एक-एक तथा बिजली गिरने से श्रावस्ती में एक की मौत हुयी है।
गंगा नदी बदायूं (कचलाब्रिज) में, केन नदी बांदा (बांदा) तथा चम्बल नदी धौलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। फर्रुखाबाद, गोण्डा, बलिया, लखीमपुर खीरी , बाराबंकी , जालौन , सीतापुर, देवरिया, बांदा , गौतमबुद्धनगर तथा पीलीभीत जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।
सूत्रों ने बताया कि बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 17 लोगों की मृत्यु हुई है। मृतकों के परिजनों को 04-04 लाख रुपये की सहायता धनराशि प्रदान की जा चुकी है।अब तक तीन हजार 56 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनके सापेक्ष राहत सहायता वितरित की जा चुकी है।